खिलाड़ी मनीष रावत का वेटर से ओलंपिक तक का सफर
यकीनन रियो ओलंपिक में देश को कोई गोल्ड पदक न मिला हो लेकिन देश के कुछ खिलाड़ियों का रियो ओलंपिक में संघर्ष और उनके रियो ओलंपिक तक का सफर आप सभी को दिल को छू देगा |देखा जाय तो वर्तमान समय में सभी रियो ओलंपिक में पदक जीतने वाली साक्षी मलिक और पीवी सिंधु की बात कर रहे हों लेकिन एक शख्सियत ऐसी भी है, जिसका नाम तो ज्यादा लोग नहीं जानते लेकिन जब आप उनकी कहानी सुनेंगे तो आप भी उनके मुरीद हो जाएंगे. जी हां बात कररहे है 25 साल के रेसवॉकर मनीष सिंह रावत की. बद्रीनाथ के एक होटल ‘कृष्णा’ में मनीष वेटर की नौकरी करते हैं. वो रोज सुबह 4 बजे उठ जाते हैं. यही नही वह अपने होटल के बाकी कर्मचारियों से करीब दो घंटे पहले उठते हैं. दरअसल मनीष सुबह उठकर रेसवॉकिंग की प्रैक्टिस करते हैं.बहुत से लोग यह जानते भी नहीं होंगे कि रेसवॉकिंग ओलंपिक का ही एक खेल है. इस खेल में अपने हिप को थोड़ा ट्विस्ट कर के वॉक करना होता है. मनीष के इस अभ्यास को देखकर उस धार्मिक नगरी के बहुत से लोग उनपर हंसते हैं. कई तो उनका वीडियो तक बना लेते हैं. लेकिन मनीष को इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता.आज वह देश के लिए पदक तो नही जीत पाए पर उन पर हसने वालो के लिए एक सन्देश जरूर दे गए |