खेल संगठनो में हो नेताओ की नो एंट्री
खेल और खिलाड़ियों का हश्र दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है | कारण एक ही है वह है देश के नेताओ का खेल संगठन में हस्तक्षेप | इसको लेकर अभी हाल ही में बने एक आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट में भी खेल संगठनो के पदों पर नेताओ की नो एंट्री का मोहर लगा चुका है | आयोग द्वारा कहा गया की नेताओ का हस्तक्षेप जल्द से जल्द रोका जाए अन्यथा खेल और खिलाड़ियों का स्तर और प्रातिभा का ग्राफ गिरता चला जाएगा | उदाहरण के तौर पर खेल संगठनो में अनेको भ्रष्टाचार और खिलाड़ियों की दशा आपके सामने विद्धमान है | उन्ही में स्वर्ण पदक विजेता स्क्वॉश खिलाड़ी रवि है जो अपने खेल को आगे बढ़ाने के लिए अपनी किडनी बेचने को मजबूर है वही आर्थिक तंगी को लेकर कराटे की अन्तराष्ट्रीय खिलाड़ी बन्दना चाय बेचने को मजबूर है | ऐसे ही अनेको खिलाड़ी उदाहरण के रूप में है जो खबरों की सुर्खियों नही बन पाये | आयोग की सिफारिश मानते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकारे इस पर अमल कर नेताओ की भागीदारी खेल संगठनो में समाप्त करे |जिससे खेल में भ्रष्टाचार और तानाशाही के साथ साथ खिलाड़ियों पर हो रहे भेदभाव समाप्त हो सके |
अरुण कुमार यादव (संपादक)