गवर्नस टीचर अवार्ड में संस्कृत शिक्षकों को पहली बार पुरस्कार
देहरादून | मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजभवन में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित गवर्नस टीचर अवार्ड कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को नई दिशा दिखाने में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षक की भूमिका सबसे अलग होती है। आज आवश्यकता है कि छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए किताबी ज्ञान के अलावा पुस्तकीय ज्ञान के अतिरिक्त भी विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की जाए। गवर्नर्स अवार्ड में संस्कृत शिक्षकों को भी पहली बार पुरस्कार की श्रेणी में शामिल किये जाने पर मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि संस्कृत शिक्षा की मांग विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है। संस्कृत संस्कारों को प्रदान करने वाली एक सात्विक भाषा है। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति श्री एस.राधाकृष्णन को स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राधाकृष्णन ने 40 वर्ष तक एक शिक्षक के रूप में अपने कत्र्वव्यों का निर्वहन किया। उनकी वेशभूषा में भारतीय संस्कृति एवं परम्परा दिखती है। नव भारत निर्माण एवं युवा भारत की आधारशिला रखने वाले छात्रों के चरित्र निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। आज आवश्यकता है कि शिक्षक अपने ज्ञान के भण्डार में वृद्धि करते रहें। जिससे नव भारत निर्माण करने वाले युवाओं को अच्छी शिक्षा और संस्कार मिले।