गांव से पलायन , अधिकारी और राजनेता
अरुण कुमार यादव (संपादक )
उत्तराखण्ड के अनेक ऐसे जगह जहाँ की प्राकृतिक सुंदरता को देख कर लोग खिंचे चले आते है | उत्तराखण्ड के इन्ही प्राकृतिक सुंदरता से युक्त स्थानों पर अनेक गॉव बसे होते है एवम् साथ ही साथ उस रास्तों से अनेक गाँव की दशा और दिशा देखने को मिलती है | उत्तराखण्ड में जिस तरह से शहर तरक्की के माध्यम से आगे बढ़ रही है वैसे ईमानदारी तौर पर गाँव की तरक्की का पहिया धसी पड़ी है | इन सब का एक मात्र कारण गाँव से लोगो का पलायन और पलायन का कारण वहाँ जीवन जीने की संसाधनों में कमी और इन संसाधनों के पूरा न होने का कारण राज्य के नेता और अधिकारी | राज्य के अनेक अधिकारी और विधायक ऐसे है जो खुद गाँव में बचपन गुजरा पर जब उस गाँव की उनको जरूरत पड़ी तो उनके शहरों में आलिशान घरो की बिल्डिंगे गाँव को चिड़ा रही है | उत्तराखंड सरकार गाँव की मूलभूत सुविधाओ को आगे बढ़ाते हुई तो दिख रही है पर युवा पीढ़ियों को वहीँ पर रोज़गार और हाईटेक सुविधाओ को सही रास्ते पर लाने की आवश्कता है |सरकार कठोर कदम में अधिकारियो को गाँव में पूर्ण उपस्थिति और वहाँ के जनप्रतिनिधियों का सामाजिक सरोकार युक्त नियम कानून बनाना होगा |