गुजरात में मच्छु नदी पर बना पुल टूटने से मरने वालों की संख्या पहुँची 135 से अधिक लोगों की मौत, जिम्मेदार कौन
मोरबी। गुजरात के मोरबी में रविवार को बड़ा हादसा हो गया। मच्छु नदी पर बना पुल टूट गया, जिसमें 135 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। मच्छु नदी पर बने इस पुल का इतिहास काफी पुराना है। यह ठीक उसी तरह का पुल है, जैसा उत्तराखंड में गंगा नदी पर बना राम और लक्ष्मण झूला है। दोनों ही पुल सस्पेंशन वाले हैं, जिसकी वजह से उस पर चलने से वे ऊपर-नीचे की ओर हिलते हैं। मोरबी पुल भी कुछ इसी तरह का था, जिसकी वजह से वहां बड़ी संख्या में टूरिस्ट घूमने आते थे। रविवार शाम को जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय भी पुल पर लगभग 400-500 लोग मौजूद थे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी का भार पुल सहन नहीं कर सका और बीच से टूटकर नदी में समा गया। गुजरात के टूरिस्ट प्लेसेस में शामिल इस पुल का इतिहास काफी पुराना है। इसका निर्माण 1887 के आसपास करवाया गया था। समय-समय पर पुल की मरम्मत भी की जाती थी। पिछले कुछ समय से इसे मरम्मत करने के लिए बंद रखा गया था, जिसके बाद पांच दिन पहले ही दोबारा खोला गया। दिवाली की छुट्टियां होने के चलते पुल पर घूमने आने वालों की संख्या भी काफी बढ़ गई थी। 1.25 मीटर चौड़ा और 230 मीटर लंबा यह पुल दरबारगढ़ पैलेस और लखधीरजी इंजीनियरिंग कॉलेज को आपस में जोड़ता है। यह ब्रिटिश शासनकाल की बेहतरीन इंजीनियरिंग का भी नमूना रहा है। गुजरात के राजकोट से 64 किलोमीटर की दूरी पर मोरबी का यह पुल स्थित है। इसे देखकर टूरिस्ट को विक्टोरियन लंदन की याद भी आती है। इस पुल का निर्माण मोरबी को अलग पहचान देने के उद्देश्य से किया गया था, जोकि यूरोप में उपलब्ध सबसे बेहतरीन तकनीक के जरिए बनाया गया था। मोरबी के पूर्व शासक सर वाघजी ने इसका निर्माण करवाया था। वहीं, पुल पर हुए हादसे से पहले का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कई लोग पुल पर उछलते और भागते हुए नजर आ रहे हैं। मोरबी में मच्छु नदी पर बने इस पुल पर रविवार शाम को 400 से 500 लोग मौजूद थे। बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ होने के चलते केबल का पुल टूटकर नदी में गिर गया। हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। गुजरात सरकार ने हादसे की जांच करने की जिम्मेदारी एसआईटी को दी है। पुलिस-प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा हुआ है। मृतकों के परिवार के लिए 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से भी मृतकों के लिए 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का ऐलान हुआ है।