गुड गवर्नेंस में ई-गवर्नेस की अहम भूमिका
गुड गवर्नेंस में ई-गवर्नेस की अहम भूमिका है। इसे मजबूत करने में नेशनल नाॅलेज नेटवर्क(एनकेएन) एक रीढ़ का काम करती है। स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) और स्टेट डाटा सेंटर में भी एनकेएन उपयोगी है। उत्तराखंड की विषय भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सभी जनपदों को एनकेएन की उच्चगति बैंडविड्थ द्वारा स्वान को इंटीग्रेट कर दिया गया है। उत्तराखंड में इस तरह की हाईस्पीड बैंडविड्थ, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी(आईसीटी) का ऐसा वरदान है, जो राज्य में शोधकर्ताओं, शिक्षाविंदो और सरकारी अधिकारियों को अपार अवसर की खिड़की प्रदान करती है।मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह दून विश्वविद्यालय में नेशनल नालेज नेटवर्क उत्तराखंड की वर्कशाप का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में लगभग 35 शिक्षण संस्थान एनकेएन से जुड़ चुके हैं। सभी संस्थानों को जल्द ही जोड़ दिया जायेगा। राज्य के दूर-दूराज क्षेत्रों में भी आईसीटी सुविधाएं मिलने से शोध और डाटा संग्रह में सुविधा मिलेगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र(एनआईसी) और आईटी विभाग के सहयोग से ई-गवर्नेंस का क्रियान्वयन किया जा रहा है। ई-गवर्नेस की प्रगति को देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि राज्य के छात्रों और शिक्षण संस्थाओं के वर्चुअल क्लासेज, वीडियो कांफ्रेंसिंग और वेबकास्ट आदि सुविधाएं एनकेएन से मिल सकेगी। राज्य के सभी जिला, तहसील, ब्लाॅक मुख्यालयों को स्वान से जोड़ दिया गया है। लगभग 1000 सरकारी कार्यालय दो एमबीपीएस हारिजेंटल कनेक्टिविटी से जुड़े गये हैं। नागरिकों के सुविधा के लिए लगभग 150 सरकारी केंद्रों और 3000 गैर सरकारी कामन सर्विस सेंटर खोले गये है। आईटी को और मजबूत करने के लिए स्टेट डाटा सेंटर और जन उपयोगी सुविधाओं को आनलाइन उपलब्धता सुगम बनाने के लिए वाई-फाई और स्टेट डिलीवरी गेट वे स्थापना की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि 92 प्रतिशत नागरिकों के आधार पंजीकृत और 82 प्रतिशत निर्गत हो गये हैं।