गौमाता को सम्मान दिलाने के लिए सभी कृष्ण भक्त आगे आएंः गोपाल मणि महाराज
देहरादून। ऐतिहासिक परेड मैदान में गौक्रान्ति अग्रदूत संत शिरोमणि गोपाल मणि जी महाराज के सानिध्य में चल रही धेनुमानस गौकथा के समापन दिवस पर गोपाल मणि जी ने धेनुमानस के अंदर महाभारत का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि महाभारत में द्रोपदी का चरित्र गाय है। और द्रौपदी की जब लाज लूट रही है तो वहां सभी धार्मिक संगठनांे के प्रतिनिधि धर्मराज युधिष्ठिर बड़े-बड़े आचार्य द्रोण कृपाचार्य आदि सब वहां बैठे थे लेकिन कोई भी द्रोपदी के पक्ष में खड़ा नहीं हुआ। फिर हजारों मील दूर बैठे गोपाल भगवान को द्रोपदी यानी गाय की लाज बचाने के लिए आना पड़ा। इस देश मे द्रौपदी की लाज सिर्फ वही बचा सकता है जो गौ को माँ का सम्मान देता हो। आज भी देश मे गौमाता की यही स्थिति है। गौमाता को सम्मान दिलाने के लिए हम् सभी कृष्ण भक्तों को साथ आना पड़ेगा तभी जाकर के द्रौपदी यानी गौ की लाज बचेगी। कृष्ण भक्तों से कहा कि जिस कृष्ण भगवान को तुम आराध्य मानते हो उसके हर कार्य मे गाय का सम्मान है। गाय के बिना कृष्ण भक्ति अधूरी है। भगवान कृष्ण ने 120 वर्ष तक एक ही मुद्दा उठाया उस मुद्दे का नाम था गोवर्द्धन। इसलिए वर्तमान में भी एक ही मुद्दा होना चाहिए गोवर्द्धन बस केवल गौबंश का संवर्धन। यही भारतीय संस्कृति है। उन्होंने कहा कि अगर वर्तमान पक्ष को देखें तो एक इस देश के अंदर जो भी ज्वलंत समस्या है उन सभी समस्याओं का समाधान केवल गौमाता के सम्मान में है। इसलिए हम इस देश को सरकारों का आह्वान करते हैं कि इस देश का जो सबसे प्राचीन मुद्दा है गौसमृधि। इसलिए सबसे पहले गौ को राष्ट्रमाता का सम्मान दिया जाय। साथ ही मणि जी महाराज ने कहा कि गौ-राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा अब महासंकल्प के रूप में पूरे देश मे ब्याप्त है। अभी को आस्वस्त किया कि अब गौमाता को इस देश राष्ट्रमाता का सम्मान मिल कर ही रहेगा। इसलिए सभी देश वासियों का आह्वान करते हैं कि अभी जो लोग इस स्वर्णिम अभियान में नही जुड़े हैं वे सभी लोग माँ को सम्मान देने के लिए आगे आये। महाराज ने कहा कि भारतीय गौक्रान्ति मंच संगठन का सिर्फ एक ही मुद्दा है गौ का जो सम्मान सनातन काल से था वही सम्मान अब इस कलिकाल में भी दिलाना है। इस अवसर पर मनोहर लाल जुयाल, जीबलवीर सिंह पंवार, सूर्यकांत धस्माना, दिलबर सिंह रावत, सुभाष शर्मा, शूरवीर सिंह मतूड़ा, अजयपाल सिंह, गीताराम गौड़, रोशन धस्माना, आचार्य विपिन जोशी, आचार्य सूरत राम डंगवाल, आचार्य राकेश सेमवाल, आनंद सिंह रावत, तेजराम नौटियाल, श्रीत सुंदरियाल, मंच के प्रवक्ता डॉ राम भूषण बिजल्वाण, विनोद कपरुवान, रामप्यारी इश्तवाल, मंजू नेगी, इंद्र सिंह नेगी, महावीर खंडूरी, शैला शाह, कांति बर्तवाल, सुधा ध्यानी, माहेश्वरी जोशी आदि सैकड़ो गौभक्त उपस्थित थे।