ग्रामीण बस्ती बचाने को भगवान की शरण में, जानिये खबर
विकासनगर। कहीं सुनवाई न होने के बाद ग्रामीण अब बस्ती बचाने को भगवान की शरण में पहुंचे हैं। प्रशासन की ओर से शीशमबाड़ा में परिवारों की बस्ती को अवैध घोषित करने के बाद ध्वस्तीकरण की चेतावनी दिए जाने से परेशान स्थानीय बाशिंदों ने अब भगवान की शरण ली है। बस्ती बचाने को मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मानवाधिकार आयोग सहित राष्ट्रपति तक से गुहार लगाने के बावजूद काई ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर रविवार को बस्ती के मंदिर में ही पूजा-अर्चना कर बस्ती को बचाने की मन्नत मांगी। जबकि सोमवार को हवन के साथ ही भंडारा भी आयोजित किया जाएगा। स्थानीय बाशिंदों ने बताया कि इस बस्ती को उन्होंने मेहनत से बसाया है। हालांकि जमीन उन्होंने सस्ते दामों पर खरीदी, लेकिन कोई भी बाशिंदा यहां अवैध रूप से नहीं बसा है। जबकि प्रशासन बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए साजिश के तहत बस्ती को अवैध करार दे रहा है। शीशमबाड़ा में दो सौ अस्सी परिवारों की बस्ती को प्रशासन ने कुछ समय पूर्व अवैध करार देते हुए खाली करने की मुनादी कराई थी। मुनादी के वक्त जिला व तहसील का प्रशासनिक अमला बस्ती में मौजूद रहा। प्रशासन की कार्रवाई के बाद बस्ती उजड़ने की आशंका से भयभीत स्थानीय बाशिदों ने सीएम, राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति तक से न्याय की गुहार लगाई। लेकिन कहीं से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। हालांकि कुछ दिन पूर्व क्षेत्रीय विधायक सहदेव पुंडीर ने जरूर बस्ती के बाशिंदों के समर्थन में तहसील प्रशासन को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए थे। लेकिन विधायक के मौखिक निर्देश भी स्थानीय बाशिंदों को ठोस आश्वासन नहीं दे पाए। लिहाजा शासन, प्रशासन से निराश बस्ती के बा¨शदे अब भगवान की शरण में गए हैं। रविवार को स्थानीय बाशिंदों ने बस्ती के मंदिर में सामूहिक पूजा-अर्चना कर ईश्वर से न्याय की गुहार लगाई। इस दौरान विजेंद्र, लक्ष्मण, पवन, रजनीश, मधुबाला, मोती लाल, अवधेश, महिपाल आदि मौजूद रहे।