चीनी मिलो के लम्बित गन्ना मूल्य भुगतान के सम्बन्ध में समीक्षा
सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, विनोद शर्मा द्वारा शुक्रवार को सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष में उत्तराखण्ड राज्य में अवस्थित चीनी मिलो के लम्बित गन्ना मूल्य भुगतान के सम्बन्ध में समीक्षा की गई। सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग द्वारा राज्य में अवस्थित चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2013-14 एवं पेराई सत्र 2014-15 के गन्ना किसानों को देय गन्ना मूल्य का भुगतान शीघ्र किये जाने हेतु सम्बंधित अधिकारियों से व्यापक विचार विर्मश कर इस सम्बंध में शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिये। सचिव गन्ना विकास श्री शर्मा ने गन्ना एवं चीनी आयुक्त, उत्तराखण्ड को कृषको के अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान शीघ्रातिशीघ्र कराये जाने तथा इस सम्बंध में सप्ताहवार मोनिटरिंग किये जाने के भी निर्देश दिये।उन्होने बताया कि सहकारी/सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा पेरे गये गन्ने पर देय गन्ना मूल्य 475.26 करोड के सापेक्ष्य रूपये 254.58 करोड का भुगतान किया जा चुका है तथा रूपये 254.56 करोड का भुगतान किया जाना शेष है। निजी क्षेत्र की चीनी मिलों पर देय गन्ना मूल्य 499.89 करोड के सापेक्ष वर्तमान तक 183.80 करोड का भुगतान कर दिया गया है, वर्तमान में रूपये 315.89 करोड़, की धनराशि गन्ना मूल्य भुगतान हेतु शेष है। जिसमें से उत्तम चीनी मिल, लिब्बरहेडी को रूपये 99.60 करोड़, इकबालपुर चीनी मिल को रूपये 89.34 करोड़, लक्सर चीनी मिल को रूपये 126.94 करोड का भुगतान करना शेष है। चीनी के टैगिंग में प्राप्त धनराशि का उपयोग केवल गन्ना भुगतान में ही किया गया है।इस सम्बन्ध में उपाध्यक्ष/प्रधान प्रबन्धक, चीनी मिल लक्सर द्वारा अवगत कराया गया कि चीनी का बाजार में विक्रय मूल्य निरन्तर गिरता जा रहा है तथा वर्तमान में चीनी का विक्रय मूल्य रूपये 2500.00 प्रति कुन्टल प्राप्त हो रहा है, जिस कारण चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति बहुत खराब है।बैठक में प्रदीप सिंह रावत, अपर सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, आनन्द श्रीवास्तव, गन्ना एवं चीनी आयुक्त, उत्तराखण्ड, ऐ0के0भट्टाचर्य, महा प्रबन्धक, उत्तराखण्ड शुगर्स, अजय कुमार खण्डेलवाल, उपाध्यक्ष/प्रधान प्रबन्धक, चीनी मिल लक्सर, पवन ढिंगरा, महाप्रबन्धक, चीनी मिल इकबालपुर, लोकेन्द्र सिंह लाम्बा,महाप्रबन्धक, गन्ना एवं एजाज अहमद,प्रबन्धक, लेखा, चीनी मिल लिब्बरहेड़ी द्वारा प्रतिभाग किया गया।