जनता को परेशान करके माँग उठाना सही या गलत
देश में हड़ताल , चक्का जाम , प्रदर्शन करके अनेक गैर सरकारी संगठन और सरकारी संगठन अपनी माँगो को पूरा कराने के लिए ऐसे रास्तो पर चलते है लेकिन क्या अपनी माँगो को पूरा कराने के लिए हड़ताल , चक्काजाम , सड़को पर प्रदर्शन करके प्राप्त करना सही है | इन चक्काजाम में परेशानी आखिर आप जैसे लोग आम जनता की ही होती है चक्काजाम के पीछे न जाने कितने लोगो की जान गवानी पड़ती है जब एम्बुलेंस सही वक्त पर अस्पताल नही पहुँचती है | न जाने कितने छात्र छात्राओ की परीक्षाएं छूट जाती है |क्या सरकार से ऐसे बात मनवाई जाती है इतना ही नही जब सरकारी कर्मचारी हड़ताल और तालाबन्दी के माध्यम से अपनी माँग को रखते है तो परेशानी जनता को ही उठानी पड़ती है | सरकारी विभागी अस्पतालों के कर्मचारियो की संवेदनाए मरीजो के प्रति हड़ताल के समय में शून्य हो जाती है | क्या यही माध्यम है सरकार द्वारा माँगो को मनवाने का | रास्ते और भी है अपनी माँगो को मनवाने का जो जनता को परेशान किये बिना भी हो सकती है | सभी राजनितिक पार्टिया , सरकारी और गैर सरकारी संगठनो को एक स्थाई स्थान पर अनशन और भूख हड़ताल के माध्यम से अपनी माँगो को मनवाये न की जनता को परेशान कर के |
अरुण कुमार यादव (संपादक )