जनता ,चुनाव ,सांसद और संसद का स्थगित होना
देश में चुनाव होने पर करोड़ो रूपये खर्च हो जाते है देश की जनता से वोट माँगने पर अप्रत्यक्ष रूप से उम्मीदवार लाखो रूपये खर्च करते है देश की जनता अपने सांसदो को चुन कर संसद में भेजती है जिससे उनके लिए जन सुविधाओ के साथ साथ अनेको योजनाओ और नए कानूनों का क्रियवान्त कर देश को विकसित देश की श्रेणी में ला सके | लेकिन हर पाँच साल नई उम्मीद अँधेरे में खोई नज़र आती है जिस तरह से संसद का काम काज प्रत्येक सत्र में प्रभावित होता है उससे जनता की उम्मीदे जवाब दे रही है | जनता द्वारा दिया हुआ टैक्स हमारे सांसद संसद को स्थगित कराकर करोड़ो अरबो रूपयों जिस तरह बर्बाद कर रहे है वह कहा तक जायद है |बार बार संसद स्थगित होने पर हाल ही में दिवंगत हुए देश की धड़कन डॉ कलाम ने भी चिंता व्यक्त कर चुके है |उन्होंने कहा था इसके लिए ऐसे कानून बनाये जाएं कि किसी भी संसद की कार्यवाही सप्ताह में दो बार से अधिक तब तक स्थगित नही की जा सकती है जब तक संसद के सारे कार्य पूरे न हो जाएं | देश के राजनेता ऐसा कानून बना कर डॉ कलाम को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करे |