जरा मदद का हाथ तो बढ़ाये …
समय के साथ साथ समाज की इंसानियत रूपी सरोकार का अंत दिखता हुआ दिख रहा है | समाज का वर्तमान स्तर इतना नीचे गिर जाएगा ऐसा सोचा भी नही गया होगा | विदित को की कुछ समय से देहरादून की एनजीओ अपने सपने संस्था भूख ‘हर पेट में रोटी’ नामक अभियान शुरू किया है इस अभियान में संस्था उन असहाय लोगो को खाना खिलाती है जो सड़क पर भूखे ही सो जाते है | इसी अभियान के तहत समाज का वह रूप भी देखने को मिला जो समाज के प्रति सोचा नही जा सकता | इस अभियान के दौरान एनजीओ को वृद्ध व्यक्ति सोहनलाल से हुई | खाना खाते समय आँखों में आसू लिए संस्था के सदस्यों को बताया की मेरे बड़े भाई एफआरआई देहरादून में सरकारी नौकरी के पद पर कार्यरत है 9 साल पहले मन्द बुद्धि का कारण बता घर से निकाल दिए साहब तब से मैं इन सड़को पर कभी खाना खाये और कभी न खाये सो जाता हूँ | संस्था के सदस्य ऐसा सुन यह सोचने पर मजबूर हो गए समाज में इंसानियत कहा गई है | ऐसे ही अन्य और भी असहाय लोगो द्वारा बताया गया जिनका जीवन आज सड़को पर भूखे पेट बीत रहा है | हमे समाज से बहुत उम्मीदे है क्यों की बुरे के साथ साथ अच्छे लोग भी है जो ऐसे असहाय लोगो के लिए आगे आते रहते है | देश में एक अच्छा समाज बने इसके लिए हम सभी को असहाय और जरूरतमंद लोगो के लिए मदद का हाथ बढ़ाना चाहिए |
अरुण कुमार यादव (सम्पादक)