जरा हटके : गाय के गोबर से बने उत्पाद बनाने का दिया प्रशिक्षण
मसूरी। भारत विकास परिषद के तत्वाधान में मसूरी के दुरस्थ क्षेत्र भिलाडू में महिलाओं को गाय के गोबर से धूपबत्ती, दिए, मूर्तियां बनाने की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें धात्री संस्था के माध्यम से बतौर मुख्य अतिथि भद्रीगाड रेंज अधिकारी मेधावी कीर्ति ने शुभारंभ किया। वहीं प्रशिक्षक दीपिका कैंतुरा ने प्रशिक्षण दिया। भारत विकास परिषद मसूरी ने महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने व आत्म निर्भर भारत की दिशा में आगे बढने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं को दिए बनाने, धूपबत्ती बनाने, मूर्तियां बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में पहुंचने पर मुख्य अतिथि रंेज अधिकारी भद्रीगाड मेधावी कीर्ति का शॉल भेंट व माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। वहीं कार्यशाला में मौजूद महिलाओं को भारत विकास परिषद की ओर से पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष भोला सिंह रावत की पत्नी बिछना रावत की स्मृति में शॉल व गोपालक सम्मान का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि रेंज अधिकारी भद्रीगाड रेंज मेधावी कीर्ति ने कहा कि हमारा उददेश्य है कि अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार मिल सके। जिसके लिए ऐसा रोजगार जिसके लिए अपने घर के आस पास व जंगल से रॉ मटीरियल मिल जाय और धात्री के माध्यम से उनको लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में गाय के गोबर से धूप बत्ती, दिए, मंर्तियां, हवन सामग्री, जलाने वाली लकड़ी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे भविष्य में अपना रोजगार कर सकें व कम लागत में अच्छा लाभ अर्जित कर सकें। उन्होंने कहा कि जंगलों में इतना खजाना है जिसका लाभ लिया जा सकता है। उत्तराखंड की महिलाएं घर में रहती है तथा कठिन परिश्रम करती है उनको घर पर ही रोजगार मिले व उनकी आर्थिकी मजबूत हो सके। उन्हांेने कहा कि जितना भी कच्चामाल इसमें चाहिए उसे अपने आसपास से ही एकत्र करना है इसके लिए बाहर नहीं जाना है। इस मौके पर भारत विकास परिषद की मसूरी शाखा अध्यक्ष राजश्री रावत ने कहा कि महिलाओं को रोजगार से जोड़ने व आत्म निर्भर बनाने के लिए एक कार्यशाला रखी है जिसमें गाय के गोबर से महिलाएं विभिन्न वस्तुएं बनाकर रोजगार कर सकें। जिसमें दिए, भगवानों की प्रतिमांए, धूप आदि बनाये व उसको बेच कर रोजगार हासिल कर सकें। उन्होंने कहा कि मसूरी पर्यटक नगरी है और यहां पर इनका गाय के गोबर से बनाये उत्पाद को बेच कर अच्छा लाभ अर्जित कर सकते हैं। यह कार्य घर का काम निपटाने के बाद एक दो घंटे किया जा सकता है। इसका प्रशिक्षण महिलाओं को दिया जा रहा है। कार्यशाला यहां इसलिए रखी गई है कि यह ग्रामीण क्षेत्र है व यहां पर जंगल होने के कारण अधिकतर परिवार गाय पालते हैं। इस कार्यशाला में 21 महिलाओं को गौपालन के लिए सम्मानित भी किया गया है। इस मौके पर आभा खुल्लर, दीपिका कैंतुरा, गुडडी देवी, रीता खुल्लर, विमला भंडारी, लक्ष्मी गुनसोला, नीरू पाठक, बिमला बागड़ी, रमा जुगरान, विजया बागड़ी, ममता बागड़ी, शांति देवी, शक्ति बागड़ी, सोनम भंडारी, पार्वती देवी, सरिता, मीना, चमेली, रजनी, कुंती, सुधा भंडारी, संगीता भंडारी,शांति देवी, सुमति देवी सिब्बी देवी, आदि मौजूद रहे।