जरा हटके : हाथ नहीं रहा तो तीरंदाजी कर रहे दांतों से, जानिए खबर
अपनी मेहनत और लगन से तक़दीर लिखने वाले एक ऐसे ही शख्स हैं अभिषेक थावरे. अभिषेक देश के पहले ऐसे तीरंदाज हैं, जो हाथों से नहीं बल्कि दांतों से तीर चलाते हैं. अभिषेक ने जब होश संभाला तो उन्हें परिवार से पता चला कि वो पोलियोग्रस्त हैं. अभिषेक ने पोलियो से हार नहीं मानी और 8वीं क्लास में पढ़ते हुए एथलेटिक्स में हिस्सा लेने लगे. मेहनत रंग लाई और वो इंटर स्कूल नेशनल लेवल के एथलीट बन गए.अभिषेक स्कूल में 5 किलोमीटर, 10 किलोमीटर की रेस में कई मेडल अपने नाम कर चुके हैं. जीवन में अच्छा कर रहे अभिषेक की किस्मत ने 26 अक्टूबर 2010 में उन्हें फिर धोखा दिया, एक “नी-इन्जरी” ने अभिषेक के जीवन में फिर ठहराव पैदा कर दिया.स्पोर्ट्स छूट जाने की वजह से अभिषेक लगातार 2 साल तक परेशान रहे और लगभग निराश हो चुके थे. तभी उन्हें नई शुरूआत की प्रेरणा दी संदीप गवई ने.गवई ने उन्हें तीरंदाजी में हाथ आजमाने की सलाह दी, लेकिन पोलियो के कारण अभिषेक के दाएं हाथ और कंधे में इतनी ताकत नहीं थी कि वे उससे तीर खींच पाएं. इस समस्या से उबरने के लिए संदीप गवई ने उन्हें अपने दातों से तीर खींचने की सलाह दी. भारत में ऐसा करने वाले अभिषेक पहले व्यक्ति हैं.