जानवरों का खाना खाया पिता ने, ताकि मैं ट्रेनिंग कर सकूं: पदक विजेता गोमती
कामयाबी तो बहुत से लोगो की देखे होंगे किस तरह से मुश्किलों से लड़ कर आगे बढ़ते है , जी हां अब हम बात करने जा रहे है ऐसे ही एक कामयाबी का जो गरीबी को इतना निचे दिखा दिया अपने कामयाबी से की लोगो के लिए आधरश बन गयी | बात कर रहे है एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 800 मीटर रेस में गोल्ड मेडल दिलाने वाली गोमती मरिमुथु का . तमिलनाडु की इस महिला एथलीट ने शुक्रवार को चेन्नई में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपनी अब तक की यात्रा और आगे की तैयारी के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि वह आज जिस मुकाम पर है वहां पर पहुंचाने में उनके पिता की बड़ी भूमिका है. गोमती ने कहा, ‘मुझे अच्छा खाना खिलाने के लिए मेरे पिता जानवरों के लिए रखा खाना खाते थे.’ इस दौरान वह भावुक हो गईं और उनकी आंखों से काफी देर तक आंसू बहते रहे. उनके पिता का कुछ साल पहले निधन हो गया था. गोमती अभी बेंगलुरु में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में टैक्स असिस्टेंट के पद पर तैनात हैं. पिता को याद करते हुए गोमती ने बताया, ‘जब मैं चैंपियनशिप की तैयारी कर रही थी तब मेरे पिता चल नहीं पाते थे. मेरे गांव में बस की सुविधा नहीं है. पिता मुझे सुबह 4 बजे उठाते और मां के बीमार होने पर घर के काम में हाथ बंटाते. मुझे उनकी याद आती है. अगर वे जिंदा होते तो मैं उन्हें भगवान मानती.’ गोमती का मेडल एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का पहला गोल्ड मेडल था.