जीएसटी रिटर्न के आधार पर ऋण देने की शुरुआत, जानिए ख़बर
देहरादून। आईसीआईसीआई बैंक ने एक नई कार्यकारी पूंजी की सुविधा शुरू करने का एलान किया है। इस सुविधा के तहत एमएसएमई (माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम) अपने जीएसटी रिटर्न में दर्ज कारोबार के आधार पर ओवरड्राफ्ट (ओडी) प्राप्त कर सकते हैं। ‘जीएसटी बिजनेस लोन‘ नामक यह सुविधा किसी भी एमएसएमई के लिए उपलब्ध है, और ऐसे उद्यमी जो आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहक नहीं हैं, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना के तहत 1 करोड़ रुपये तक का ऋण हासिल किया जा सकता है। यह सुविधा त्वरित ओवरड्राफ्ट का लाभ उठाने की बेहतर सुविधा प्रदान करती है, क्योंकि इसके अंतर्गत पिछले वर्षों की बैलेंस शीट सहित विभिन्न वित्तीय दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होती। इसमें एमएसएमई के लिए कामकाजी पूंजी सीमा की पात्रता का आकलन करने के लिए उनके जीएसटी रिटर्न का ही उपयोग किया जाता है और इस तरह प्रक्रिया को सरल बनाते हुए दो कार्य दिवसों के भीतर ओडी की मंजूरी प्रदान कर दी जाती है। अभी ऋण मंजूर करने की पारंपरिक प्रक्रिया के तहत कई दस्तावेजों की आवश्यकता होती है और फिर इन दस्तावेजों की जांच में आम तौर पर कई दिन लग जाते हैं। ‘जीएसटी बिजनेस लोन‘ सुविधा की लाॅन्चिंग के अवसर पर आईसीआईसीआई बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनूप बागची ने कहा, ‘‘वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) एक परिवर्तनकारी संरचनात्मक सुधार साबित हुआ है जिसने राष्ट्रीय बाजार के निर्माण, व्यापार करने में आसानी, उत्पादकता और दक्षता में सुधार के साथ अर्थव्यवस्था को और मजबूत किया है। चूंकि जीएसटी व्यापक प्रवाह को ध्यान में रखता है, इसलिए हम मानते हैं कि जीएसटी रिटर्न एमएसएमई के लिए ऋण लेने की प्रक्रिया को और अपने कारोबार के लिए कार्यशील पूंजी जुटाने के प्रयासों को और आसान बनाता है। इसी सिलसिले में हम जीएसटी समर्थित ओवरड्राफ्ट सुविधा को लॉन्च करते हुए खुशी का अनुभव कर रहे हैं। इस सुविधा का लाभ उठाते हुए एमएसएमई अपनी बैलेंस शीट के अतिरिक्त मूल्यांकन के बिना सिर्फ अपने जीएसटी रिटर्न के आधार पर 1 करोड़ रुपये तक का ओवरड्राफ्ट हासिल कर सकते हैं।