टेलेंट फिएस्टा में रंगांरग कार्यक्रमों का आयोजन
मसूरी। मसूरी इन्टरनेशनल स्कूल में टैलेन्ट फिएस्टा 2016 का आयोजन पूरे धूमधाम के साथ किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रतिस्पर्धी फोर्मेट में भारत की समृद्ध संस्कृति एवं विरासत का अनूठा प्रदर्शन कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों को खूब पसंद आया। छात्राओं ने अपने-अपने सदन को सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए पूरे लगन से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस दौरान संगीत, नृत्य एवं अन्य प्रस्तुतियां दी गईं। एमआईएस के अध्यापकों एवं अन्य स्टाफ ने कार्यक्रम की सफलता में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। इस साल का टैलेन्ट फिएस्टा ‘सांस्कृतिक समेकन’ की थीम पर आधारित था और इसमें भारत की हर संगीत परम्परा का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत गढ़वाली संगीत और नृत्य के साथ हुई। छात्रों को राज्य के पारम्परिक संगीत से परिचित कराना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था। यह बेहद ही उत्साहजनक था कि न केवल भारतीय छात्राओं बल्कि विदेशी छात्राओं ने भी गढ़वाली संगीत पर गीतगायन और नृत्य का प्रदर्शन किया। शनिवार को इंटर हाउस टैलेन्ट शो की शुरूआत वैदिक मंत्रों के साथ हुई। वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ पूरा माहौल आध्यात्मिक हो गया और इस प्रदर्शन के माध्यम से छात्राओं ने शरीर एवं मन पर वैदिक मंत्रों के सकारात्मक प्रभाव का प्रदर्शन किया। मंत्रों के बाद भारतीय एवं पाश्चात्य संगीत का अनूठा समकालीन मिश्रण प्रस्तुत किया गया। छात्राओं ने विभिन्न उपकरणों जैसे हार्मोनियम, तबला, सितार, वाॅयलिन, कैसियो, बैंजो, ज़ायलोफोन और सांरगी पर अपना परफोर्मेन्स दिया। गायत्री हाउस के प्रतिभागियों ने 7 धुनों के रूपक ताल में राग जयजयवंती पेश किया। वहीं लक्ष्मी हाउस ने 6 धुनों के दादरा ताल में राग जोग का प्रदर्शन किया। संतोषी हाउस ने 10 धुनों के झाप ताल में राग वृंदावनी सारंग का प्रदर्शन किया। संगीत के इन सुरों पर सबको मंत्रमुग्ध करने के बाद एमआईएस के प्रतिभाशाली छात्राओं ने एक पेंटिग प्रतियोगिता में भी प्रतिभाग किया। उन्होंने विभिन्न विषयों पर शानदार कलाकृतियां पेश कीं। इस साल के टैलेन्ट फिएस्टा में कार्यक्रमों की एक नई श्रृंखला पेश की गई। कार्यक्रम के दौरान रंगोली प्रतियोगिता और मेहंदी प्रतियोगिता एवं पाश्चात्य गायन का आयोजन भी किया गया। जुगलबंदी में एमआईएस की छात्राओं ने कथक और भरतनाट्यम पर परफोर्मेन्स दिया। जजों के माननीय पैनल में अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल थे।