दबंग छात्र नेता बनाम कालेज चुनाव
अरुण कुमार यादव (संपादक)
शिक्षा का मन्दिर स्कूल और कॉलेजो का आज के दौर में यह वाक्यांश सटीक बैठता है या नही आप समझ सकते है | उत्तराखंड में इनदिनों कॉलेजो में चुनाव का दौर शुरू हो गए है सभी छात्र संगठन अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए कॉलेजो में एड़ी चोटी एक कर रहे है | लेकिन आज के दौर के छात्र नेता जिस तरह से चुनाव लड़ते है वह कॉलेजो के छात्रो के हित में शून्य है | आज के दौर में कालेजो के मुद्दे और छात्र हित पर छात्र नेताओ के रास्ते बदलता हुआ नज़र आ रहा है | कालेजो में शिक्षा रूपी माहौल जिस तरह से विलुप्त हो रहे है इसका जिम्मेदार छात्र नेताओ की ओर आ कर रुक जाती है | कॉलेजो में राजनीति जितनी हावी होगी उतना कॉलेजो का शिक्षा रूपी वातावरण समाप्त होती नज़र आयेगी | अच्छे छात्र नेताओ की संख्या में कमी का कारण दबंग छात्र नेताओ की अधिकता ही है | कॉलेजो में मारपीट गुंडागर्दी का स्तर पहले समय के मुकाबले अधिक बढ़ी है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की अच्छे छात्र नेताओ में कमी क्यों है | जब तक कॉलेजो में गुंडे दबंग प्रवित्ति के छात्र नेता पनफते रहेंगे तब तक अच्छे छात्र नेताओ का आकाल बना रहेगा और साथ ही साथ छात्र मुद्दे दफन होते रहेंगे |