देश के लिए मेडल जितने वाली खिलाड़ी के हाथ में अब चाय की केतली
सोनीपत | खेल को बढ़ावा देने पर हरियाणा सरकार भले ही हमेशा से जोर देती आ रही है लेकिन राज्य में कई ऐसे खिलाड़ी भी हैं, जिन्हें इसका लाभ नहीं अभी तक नही मिल रहा है। जिस खिलाड़ी के हाथ में देश के लिए मेडल दिखता आज उसके हाथ में चाय की केतली है और वो चाय बेचकर गुजारा कर रही है। ओलिम्पिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों पर सरकार पैसों और इनामों की बारिश कर रही है, लेकिन हरियाणा के सोनीपत में एक ऐसी प्लेयर है, जो नेशनल और स्टेट लेवल पर 7 गोल्ड मेडल जीतने के बाद भी चाय बेचने को मजबूर है। प्रैक्टिस के दौरान 23 साल की वुमन वेट लिफ्टिर संतोष के घुटने में चोट लग गई थी और अब उनके पास इलाज के लिए पैसे तक नहीं है। मजबूरी में उनको गेम छोड़ना पड़ा। संतोष अब हरियाणा सरकार से मदद की गुहार लगा रही है ताकि अपना इलाज करवाने के बाद आराम से चल फिर सके।संतोष ने बताया कि गरीबी के कारण वह दंगल भी लड़ती है। उसी पैसे से अपना परिवार चलाती है यहां तक कि उसके पास पढ़ाई के पैसे भी नहीं हैं। विदित हो की संतोष के पिता राजेन्द्र कुमार चाय की दुकान चलाते हैं और किराए के मकान में रहते हैं। 7 लोगों के परिवार का गुजारा गरीबी के कारण बड़ी मश्किल से चलता है। राजेंद्र कुमार का कहना है कि वो चाहते हैं कि उनकी बेटी खेलों में एक अलग मुकाम हासिल करे लेकिन गरीबी के कारण उसे अब खेल छोड़ना पड़ा। मां का कहना है कि सरकार खिलाड़ियों के लिए इतना सब कुछ कर रही है, अब बस संतोष का इलाज करा दे।