देश में ठेकेदारी प्रथा हो समाप्त
अरुण कुमार यादव (संपादक)
देश के विकास में सरकारी योजनाऐ उतना ही महत्व रखती है जितना गैर सरकारी योजनाए | लेकिन इन सरकारी योजनाओ पर ठेकेदारी प्रथा हावी होती हुई नज़र आ रही है ठेकेदारी प्रथा जितना हावी होगी भ्रष्टाचार उतना ही अपना मुँह बाये खड़ी रहेगी | देश की बड़ी बड़ी सरकारी योजनाओ को अमली जामा पहनाने में कितनी कमीशन बना हुआ रहता है यह किसी से छुपा नही रहता लेकिन छुपाना क्या अब तो खुलेआम मण्डी भाव की तरह बोली लगाई जाती है इस पद्धति पर देश के कुछ राजनेता इस पर सहमति जताते है तो कुछ अच्छे राजनेता इसका विरोध करते है |जिस विकास में ऐसी कमीशन युक्त बोली लगे तो आप समझ सकते है उस विकास का क्या हस्र होगा ऐसे में भ्रष्टाचार होना लाजमी है | देश को खोखली विकास नही बल्कि मजबूत विकास के लिए इस ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करना चाहिए | ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगाने से भ्रष्टाचार में कमी तो होगी ही तथा साथ ही साथ एक मजबूत इरादों वाला विकास भी होगा |देश और राज्य की सरकार इसपर अमल करे जिससे देश विकसित देश की श्रेणी में आ सके |