देहरादून : ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ भ्रमण कार्यक्रम के छात्राओं से डीएम सोनिका ने किया संवाद
देहरादून। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत बेटियों के बीच अफसर बिटिया, कार्यक्रम में जिलाधिकारी सोनिका द्वारा ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में कॉलेज में अध्यनरत छात्राओं/बालिकाओं से संवाद किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया तथा उनके मन में चल रही शंकाओं का भी समाधान किया। ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’’ भ्रमण कार्यक्रम के तहत् विकासखण्ड चकराता, कालसी, विकासनगर, सहसपुर, रायपुर, डोईवाला की 34 छात्राओं ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इससे पूर्व आज छात्राओं को लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी का भ्रमण भी कराया गया। जिलाधिकारी ने छात्राओं के सवालों का जवाब देते हुए उनकी शंकाओं को भी दूर किया। इस दौरान छात्रा सुरभि सुभारती कालेज, काजल आईटीआई कालेज, गायत्री डीएवी कालेज तथा स्वाति आदि छात्राओं ने जिलाधिकारी ने संवाद किया। जिलाधिकारी ने छात्राओं से संवाद करते हुए आत्मनिर्भर बनने के लिए पढाई और भविष्य पर ध्यान देने की बात कही साथ ही कहा कि आप ये मत सोचो की कोई आपके बारे में क्या बोल रहा है आप अपने लक्ष्य पर ध्यान दें। सफलता में शार्टकट नहीं होते इसलिए मेहनत करें सफलता जरूर मिलेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि तकनीकी का इस्तेमाल आगे बढने के लिए करें किन्तु इनके आदि न बने। जिलाधिकारी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अपने आप को किसी से कम न समझे किन्तु अति आत्मविश्वास से बचें। कई छात्राओं ने कहा कि कई बार आत्मविश्वास नही हो पाता कि हम कर पाएंगें, इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि खुद पर विश्वास करें आशा रखें तथा हिम्मत न हारें, यही सफलता के राज है। कई बार ऐसा होता है कि हमे सफलता जल्दी नहीं मिल पाती किन्तु हताश न हो प्रयास करते रहें सफलता जरूर मिलेगी। कालेज की छात्राओं ने सवाल किया कि सिविल सर्विस में जाने के लिए कोचिंग की आवश्यकता है, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं है सिविल सेवा में निकलने के लिए कोचिंग जरूरी है, 50 प्रतिशत् छात्र/छात्राएं बिना कोचिंग के सिविल सेवा चयनित होते हैं, इसके लिए डिसिप्लेन की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने कहा कि अपनी स्वयं की सुरक्षा का ध्यान रखें, कहा कि यदि किसी छात्रा को कोई समस्या हो, कोई परेशान करे तो संकोच न करें अपने माता/पिता से साझा करें, स्थानीय सीडीपीओ को बतायें सीधे उनसे( जिलाधिकारी से), मुख्य विकास अधिकारी से, मजिस्टेªट से समस्या बताएं। साथ ही जिलाधिकारी ने बालिकाओं को स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए पौष्टिक भोजन लेने तथा स्वंय की स्वच्छता का ध्यान रखने को कहा। जिलाधिकारी ने छात्राओं को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया साथ ही अन्य छात्रओं को भी अच्छा करने के लिए प्रेरित करने की अपेक्षा की।