दो अप्रैल को दलित संगठनों ने किया दून बंद का ऐलान
देहरादून। अनुसूचित जाति एवं जनजाति पर किसी भी प्रकार के अत्याचार में सीधे गिरफ्तारी नहीं किए जाने के फैसले के विरूद्ध दलित समाज के लोगों ने एक सुर में दो अप्रैल को देश बंद के आह्वान को समर्थन देते हुए दून बंद का ऐलान किया है। इस दौरान जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी प्रेषित किया जाएगा। अनुसूचित जाति एवं जनजाति समाज के लोगों की एक बैठक सहस्त्रधारा रोड स्थित एक वैडिंग प्वाइंट में आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता जनसेवा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व डीएसपी जगराम सिंह ने की। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने कहा है कि एससी-एसटी एक्ट को लेकर जो निर्णय सुनाया गया है वो पूरी तरह से दलित अधिकारों के विरूद्ध है इस निर्णय को किसी भी प्रकार से सहन नही किया जाएगा। वक्ताओं ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि एक और केन्द्र सरकार अपने आपकों को दलित हितैषी बताती है तो वहीं सर्वोच्च न्यायालय में दलित अधिकारों की सुरक्षा को लेकर मजबूत पैरवी भी नहीं करती। वक्ताओं ने कहा कि इस निर्णय नेे संपूर्ण दलित समाज को आहत करने का काम किया है क्योंकि बाबा साहेब डाॅ. भीम राव अंबेडकर ने संविधन में दलित समाज की सुरक्षा और उनके अध्किारों के संरक्षण की दिशा देने का काम किया था। उनके द्वारा रचित संविधान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नही किया जा सकता। वक्ताओं ने सभी सामाजिक एवं राजनीतिक दलों के अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगो से आह्वान किया कि वे संविधन की रक्षा और दलित अध्किारों के संरक्षण को आगे आयें। इस अवसर पर सभी ने एक संयुक्त सामाजिक संगठन बनाने का निर्णय लिया जो कि दो अप्रैल को देेश बंद के समर्थन में दून बंद का आह्वान करेगा। इस दौरान जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी प्रेषित किया जाएगा। इस अवसर पर आरएल कर्दम, सुरेश चंद, जयपाल बाल्मीकि, कलीराम, अमर सिंह स्वेडिया, कमलेश रमन, सुधीर सुनेहरा, गीताराम जयसवाल, सुरेश बाल्मीकि, टीसी भारती, अजय आकाश पाल, देवेन्द्र सिंह सैनी, दीपक सैलवान , आशीष कुमार आदि मौजूद रहे।