द एशियन स्कूल में प्रदर्शनी का आयोजन
देहरादून। द एशियन स्कूल में 18वीं प्रदर्शिनी का आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग विषयों की प्रदर्शिनी दिखाई गई। जिसकी मुख्य अतिथि वाइस चांसलर, आई0एफ0एस0 डायरेक्टर फाॅरेस्ट रिसर्च इंस्ट्टीयूट की माननीया सविता शर्मा ने रिबन काटकर उन्होंने प्रदर्शिनी का श्री गणेश किया। हेड गर्ल के द्वारा खनक अग्रवाल ने पुष्पगुच्छ द्वारा मुख्य अतिथि का सम्मान किया। प्रदर्शनी का विषय सी0बी0एस0सी0 द्वारा दिया गया विभिन्न विषयों द्वारा राष्ट्र निर्माण में क्या सहयोग है, रहा। जिसे अलग-अलग विषयों ने अपने-अपने स्तरों पर चार्टस, माॅडल्स द्वारा अभिव्यक्त करने का अनुपम प्रयास किया। हिन्दी विभाग द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने हिन्दी भाषा की उपयोगिता देश निर्माण में समझ कर ही हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित किया, इसका कारण भारतीय भाषाओं में हिन्दी ही एक ऐसी भाषा थी, जिसको देश की अधिकांश जनता बोल और समझ सकती थी। तत्कालीन भारत में अंग्रेजी पढ़े-लिखे विद्वान मुठ्ठी भर थे बाकि सामान्य जनता, जिसके कारण स्वतंत्रता आन्दोलन में सामान्य जनता की भागीदारी नहीं हो पा रही थी। हिन्दी भाषी क्षेत्रों में असम, मेघालय, तमिल, मलयालम, में हिन्दी सिखाने के लिए अनेक विद्वानों ने कठोर परिश्रम किया जो आज भी चलता आ रहा है। आज दुनिया में 150 विश्वविद्यालय है जिसमें हिन्दी में उच्च शिक्षा दी जा रही है। इस तरह भारत ही नहीं, अपितु पूरे देश में हिन्दी की विशेष मांग है। आज 70 प्रतिशत लोग हिन्दी समझ और बोल सकते है। दुनिया की तीसरे नम्बर की भाषा हिन्दी है। प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री जब विदेशों में जाते है तो हिन्दी का ही प्रयोग करते है। इस सबको ध्यान में रखकर अनेक माॅडल्स और चार्टस बनाये गए। अपनी मातृभाषा के कारण ही जापान, चीन, अमेरिका आदि अनेक देश विकसित हुए तो हम भी हिन्दी से ही विकसित होंगे। सामाजिक विज्ञान में माॅडल्स द्वारा महात्मा गांधी की भूमिका, एकता में अनेकता, सुरक्षा में सेना का महत्व और बांधों द्वारा देश के निर्माण को माॅडल्स और चार्टस क द्वारा अभिव्यक्त किया। वाणिज्य विभाग ने राष्ट्रीय आय और बाजार की भूमिका, बातचीत, यातायात, आर्थिक विकास में बैंकों का देश की उन्नति में क्या सहयोग है प्रदर्शित किया।जीव-विज्ञान के छात्रों ने बीमारी उनके ईलाज, सफाई अभियान और कन्या भू्रण हत्या और उससे सुरक्षा आयुर्वेद आदि के माध्यम से अपने विषय के सहयोग की चर्चा की। भौतिकी विज्ञान में छात्रों ने इलेक्ट्राॅनिक्स, बिजली, पानी आदि के विभिन्न स्वःचालित माॅडल्स तैयार किया, जिनसे उनके विषय के सहयोग का दर्शकों ने अपूर्व आनन्द लिया। रसायन शास्त्र का औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ावा, प्रदूषण रहित वाॅटर मेनेजमेंट आदि के द्वारा अपनी बात समझायी। कम्प्यूटर विभाग ने कम्प्यूटर का हमारे राष्ट्रीय निर्माण में क्या योगदान है इसको नई तकनीकि, आधारकार्ड, दूरशिक्षा आदि के माध्यम से अभिव्यक्त किया। पीसीकल एजुकेशन में छात्रों ने माॅडल्स द्वारा देश में खेले जाने वाले विभिन्न खेलों और खिलाड़ियों को अभिव्यक्त किया जिससे देश के निर्माण में सहायता मिले। अंग्रेजी विभाग ने अंग्रेजी को एक अन्तर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में अभिव्यक्त किया। गणिक विभाग ने छात्रों ने विभिन्न गणितज्ञों का प्रदर्शन करते हुए देश कैसे उन्नति के शिखर तक पहुंच सकता है, यह बताया। आर्ट में भारतीय और विदेशी कलाकारों के माध्यम से देश के निर्माण की बात कही गई। काले रंग द्वारा समाज की बुराई को और पीले रंग द्वारा छात्रों का उसमें योगदान कला के माध्यम से अभिव्यक्त किया गया। जूनियर स्कूल में छात्रों ने लघु नाटक, भाषा-खेल, महिलाओं और नदियों के विकास और ब्रेल लिपि, विदेशों में मोदी जी के माध्यम से देश के निर्माण भाषाओं का क्या भूमिका है यही समझाने का प्रयत्न किया है। आज के कार्यक्रम में डायरेक्टर गगनजोत सिंह, प्रधानाचार्य ए०के०दास, गीता दास, उप-प्रधानाचार्य अनन्त वी0डी0 थपलियाल, मिडिल स्कूल काॅर्डिनेटर मुकेश नागिया तथा हैड मिस्ट्रैस कल्पना ग्रोवर उपस्थित थी एवं सम्पूर्ण अध्यापक, अध्यापिकाएं एवं अनेक अभिभावक भी उपस्थित रहे।
प्रदर्शनी के जजों में विम्मी जुनैजा, गायत्री सिंह व गीता दास शामिल रहे।