निवेशकों का उत्तराखंड में स्वागत है ….
निवेशकों का उत्तराखंड में स्वागत है ,गाय को राष्ट्र माता का दर्जा देने वाला पहला राज्य, राजकीय अस्पताल में फर्श पर प्रसव जच्चा-बच्चा की मौत, अस्पताल से शव को परिजन ठेले पर ले जाने को मजबूर आदि यह सभी उपरोक्त खबरें तो बस एक बानगीं है और न जाने इस प्रकार कितनी खबरें होगी | अभी फिलहाल सभी माध्यमों से यह कि “निवेशकों का उत्तराखंड में स्वागत” मुख्यतः है | हां निवेशक आने भी चाहिए और स्थानीय युवाओ को रोजगार के अवसर सरकार को उपलब्ध कराने भी चाहिए | सरकार उन निवेशकों को सभी तरह की छूट आदि प्रदान कर लुभाने की कोशिश कर रही है इस कोशिश में सरकार को यह भी देखना होगा उनमें काम करने वाले कामगारों का हक न मर जायें | सरकार को उन कामगारों के बारे में भी सोचना होगा कि उनके मूल अधिकारों जैसे अच्छा स्वास्थ्य, बच्चों को अच्छी शिक्षा एवं रहने के लिए उचित स्थान के साथ साथ यातायात की समुचित व्यवस्था भी हो, नहीं तो राज्य की स्थिति बहुत भयंकर हो जायेगी इसकी मात्र कल्पना ही किया जा सकती है | जहां तक वर्तमान में स्वस्थ्य के नाम पर ESIC की कार्य प्रणाली की बात है तो शायद कोई भी कर्मचारी इस संस्था की तारीफ़ करें यह कहना जल्दबाजी ही होगा | मेरे अनुसार राज्य के पास जितने भी सीमित संसाधन है उन्ही से एक पारदर्शी व्यवस्था अपना कर विकास करने की योजना बनानी चाहिए | बातें तो बहुत है लेकिन इस माध्यम से कहना ज्यादा उचित है क्या ? भविष्य में ओर कभी मौका मिला तो अपनी भावनाओं को जरूर साझा करूंगा |
-हितेन्द्र सक्सेना