नेक कार्य : लावारिस अस्थियां गंगा में विसर्जित कीं
हरिद्वार। श्री कर्मयोगी सेवा संस्थान कोटा राजस्थान के संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी के संयोजन में 26 सदस्यीय दल ने हरकी पैड़ी पर लावारिस अस्थियों का विसर्जन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। राजाराम जैन ने बताया कि वर्ष भर राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से अज्ञात मृतकों के अंतिम संस्कार पूर्ण विधि विधान के साथ किया जाता है। विभिन्न क्षेत्रों में अज्ञात शवों का संस्था द्वारा अंतिम संस्कार कर उनकी अस्थियां गंगा में प्रवाहित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि इस पुण्य कार्य में 26 सदस्यीय दल निस्वार्थ सेवा भाव से अपना सहयोग प्रदान करते चले आ रहे हैं। 2007 से लगातार संस्था की इस कार्य को अंजाम देती चली आ रही है। हरकी पैड़ी पर पुरोहित हंसराज व मेघराज प्रधान के द्वारा पूर्ण विधि विधान के साथ गंगा में अस्थि प्रवाहित की गयी। हर्षवर्द्धन शास्त्री व प्रधान राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में अज्ञात शवों को संस्था द्वारा ले लिया जाता है। उनका विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार भी संस्था 2007 से करती चली आ रही है। हमें सेवाभाव के कार्यो में अपना योगदान अवश्य देना चाहिए। अज्ञात शवों को मोक्ष प्राप्त हो उसके लिए संस्था अपने उत्तरदायित्व को निभाती चली आ रही है। समाजसेवा में संस्था के सदस्य अग्रणी योगदान दे रहे हैं। इस अवसर पर अस्थि विसर्जन में भाग लेने वालों में नरेश कुमार, दीपक, आकाश, रीतेश कुमार, अनमोल ने मां गंगा से मृतकों की आत्मशांति के लिए प्रार्थनाएं भी की।