फिल्म के किरदार के लिए सब कुछ न्योछावर कर बैठे “मेजर मोहम्मद अली शाह” , जानिए खबर
फ़िल्म 30 जुलाई ज़ी 5 पर होगी रिलीज
देहरादून | सभी के जीवन में वह एक पल आता है जिसका उनको बेसब्री से इंतज़ार था , शायद मेरा वह पल आ गया था। मुझे जीवन की सबसे ख़ूबसूरत ख़बर मिली जिसका इंतज़ार मुझे बहुत समय से था। मैंने अपनी ज़िंदगी एक अद्भुत ड्रीम रोल तिग्मांशु धूलिया की फ़िल्म यारां में किया जो एक नेशनल अवार्ड विनिंग फिल्ममेकर और नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के ग्रैजुएट है। उन्होंने मेरा काम विशाल भारद्वाज की फ़िल्म हैदर में देखा था, आप तो जानते हैं की हैदर को पाँच नेशनल अवार्ड मिले, तिग्मांशु मेरे काम से बहुत प्रभावित हुए चाहे उसने मेरा रोल थोड़ा छोटा था लेकिन अब यह फ़िल्म यारां में मेरा अत्यधिक रोल है। इस फ़िल्म में कई कलाकार हैं विद्युत जामवाल ,श्रुति हासन ,अमित साथ, विजय वर्मा श्रीया नारायन ,केनी बासू मत्री और मैं ख़ुद मेजर मोहम्मद अली शाह हूँ। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि इस रोल के लिए मैंने क्या क्या नहीं किया, मैं चाहता तो आसान रास्ता अपना सकता था पर नहीं मैं इसमें अपनी जान डालना चाहता था। इस रोल के लिए मैंने बहुत तप किया है ये रोल मेरी वास्तविकता से बहुत दूर है इसमें मेरा कैरेक्टर एक पुलिस ऑफ़िसर का है। यहाँ पर शुरू में मैंने एक यंग ऑफ़िसर की भूमिका निभाई और जैसे जैसे मेरी उम्र बड़ी मैं इसमें जॉइंट डायरेक्टर CBI के रोल में दिखाई दूँगा। इस किरदार को निभाने के लिए मैंने क्या कुछ नहीं किया शायद मैं थियेटर के मंच का खिलाड़ी रहा हूँ तो मैंने इस रोल को बहुत शिद्दत के साथ किया है सबसे पहले मैंने स्मोकिंग छोड़ दी क्योंकि मैं जानता था कि सरदार कम्युनिटी में लोग स्मोक नहीं करते हैं उसके बाद मैंने दाढ़ी रखने शुरू करी ,छह मीटर वाली पगड़ी बाँधना सीखा मुझे अच्छे से याद है 1 दिन अचानक शॉट देने का टाइम आया तो जो ड्रेस पहनने वाली दादा थे वो कहीं मिल नहीं रहे थे तो मैंने फटा फट बिना किसी के इंतज़ार किए वो पगड़ी ख़ुद से बाँधनी शुरू कर दी सब हैरान हो गए कि मैंने इतनी अच्छी पगड़ी बाँधी। मैं शुरू से ही लोगों को देखकर बहुत कुछ सीख लेता हूँ मेरी ऑब्जर्वेशन पावर की लोग दाद देते हैं एक महीना मैं गोल्डन टेम्पल अमृतसर में रहा मैंने वहाँ पर सेवा करी, फ़र्श को साफ़ करा, झाड़ू लगाया, गंदे बर्तन साफ़ किए ,खाना परोसा, चाय बनायी और थोड़ी थोड़ी पंजाबी भी मैंने सीख ली थी. मैंने श्री गुरुग्रंथ साहिब जी अंग्रेज़ीट्रांसलेशन में पढ़ा मैं बार बार अपनी लाइनें याद करता रहता था क्योंकि मुझे जुनून था कि मैं कुछ कर दिखाना है और इतनी सारी कहानियां हैं जो जीवन भर के लिए मेरे मन में समा गई इस रोल को करते करते मैं ख़ुद ही धुल गया आज मैं आप लोगों से दरख्वास्त करता हूँ कि मेरी ये फ़िल्म 30 जुलाई ज़ी 5 पर आने वाली है आप ज़रूर देखिएगा, इसको मिस मत कीजिए यह मेरे जीवन की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है।