बलात्कार होते जा रहे है , कानून वही का वही
अरूण कुमार यादव
देहरादून। जनता दवाब के साथ-साथ मीडिया का रोल निर्भया को न्याय दिलाने में अहम योगदान रहा जिससे दिल्ली के बसंत विहार दुष्कर्म मामले में दामनी के दोषियों को फांसी की सजा मिली लेकिन फांसी अभी तक नहीं मिल सकी । इस दुष्कर्म कांड ने जहां देश को जगा दिया वहीं अन्य मामलों में एक नजीर पेश आएगा लेकिन ऐसा न हो सका । एैसे ही अन्य मामलों में अनेक निर्भया के लिए न तो मीडिया है और न ही जनता ।अनेक दुष्कर्म मामले में दुष्कर्म करने के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए लड़कियों की हत्या कर दी जाती है। एैसे केस आज भी न्याय के इंतजार में अपनी व्याथा बताती है समाज के साथ-साथ न्याय प्रणाली को बदलना अत्यन्त आवश्यक है जिससे अन्य निर्भया को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।अभी हाल ही में दिल दहला देने वाली घटना उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुआ।क्या हिन्दू क्या मुस्लिम क्या सिख क्या इसाई सभी की आँखों में गुस्सा और लाचारी के आंसू थे।एक सात बर्ष की बेटी के साथ जिस हैवानियत के साथ बलात्कार कर मौत के घाट उतार दिया गया था ऐसी हैवानियत कलेजा बाहर निकाल देने जैसी घटना है।आखिर ऐसा कब तक होता रहेगा कब तक मासूम बच्चियों की चीखे सुनाने को मिलेगी । जो आरोपी होते है ओ हमारे समाज से होते है इस लिए इनको तुरंत कठोर से कठोर सजा दी जाय जिससे ऐसा करने वाले व्यक्तियों का रूह कापने लगे।