बागी विधायकों को झटका, हाईकोर्ट ने बागियों की याचिका की खारिज
देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश की हरीश रावत सरकार को बड़ी राहत देते हुए बागियों की याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि स्पीकर की ही याचिका पर निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि बागी विधायकों ने नैनीताल हाईकोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर विधानसभा स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल के नोटिस को चुनौती दी थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार बागी विधायकों की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर स्पीकर गोविंद कुंजवाल की तरफ से दिए गए एंटी डिफेक्शन नोटिस को चुनौती दी गई थी। इस मामले पर जस्टिस सुधांशु धुलिया की कोर्ट में शुक्रवार को कार्रवाई की गई। विधायक अमृता रावत, हरक सिंह रावत, कुंवर प्रणव चैम्पियन और प्रदीप बत्रा ने एक याचिका दाखिल की, जबकि दूसरी याचिका बागी विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल, शैलारानी, सुबोध उनियाल और उमेश शर्मा काऊ ने दाखिल की थी। दूसरी याचिका में स्पीकर के नोटिस का जवाब देने के लिए दिए गए सात दिन के समय को कम बताते हुए चुनौती दी गई थी। शुक्रवार को कोर्ट द्वारा बागी विधायकों की याचिका को खारिज किए जाने से हरीश रावत सरकार को बड़ी राहत मिली है। अब बागी विधायकों की विधायकी पर तलवार लटक गई है। 28 मार्च को हरीश रावत सरकार ने विधानसभा में विश्वासमत हासिल करना है। इससे पहले इन बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता खत्म हो सकती है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब बागी विधायकों की मुश्किल और बढ़ गई है। इन दिनों भाजपा विधायक और कांग्रेस के नौ बागी विधायक राजस्थान में हैं, जबकि सत्ताधारी दल कांग्रेस और पीडीएफ के विधायक रामनगर स्थित कार्बेट पार्क स्थित एक रिसोर्ट में ठहरे हैं।