बेटियां बोझ नही
कामनवेल्थ खेल में जहाँ भारत पाचवे स्थान पर रहा वही इंग्लैड पहले स्थान पर रहा। इस खेल में भारत के प्रतिनिधित्व की बात करे तो भारत की तरफ से महिला खिलाडि़यों का पदक का जीतना एक शुभ संकेत है। यह वही भारत है जहाँ घरों में लड़कियों के जन्म होते ही मायूसी छा जाती है कही-कही तो जन्म होने से पहले ही उनका जीवन समाप्त कर दिया जाता है। इन मांशिकता वाले लोगों को यह पदक वीर महिला खिलाडि़यो ने एक सच्चे रास्ते पर लाने की पहल की है।
इस इवेन्ट के कुशती, निशानेबाजी, मुक्केबाजी, एंव अन्य खेलों में पदक जीतकर महिला खिलाडि़यों ने रोशन किया। इससे लड़कियों के जन्म लेने पर गलत सोच रखने वाले देश की जनता को सबक के साथ-साथ पहल करनी चाहिए महिलाऐं भी देश के लिए उतनी ही भागीदारी निभा सकती है। जितना एक पुरूष । इस कालम के माध्यम से देश के सभी जनता को विनम्र निवेदन करता हूँ कि लड़कियो को आगे बढ़ने, पढने एंव देश का नाम रोशन में पूर्वरूप से सहयोग करे जिससे महिलाओं में एक आत्मविश्वास की लौ जल सके।