बोली-भाषा के संरक्षण को होना होगा एकजुट-कविन्द्र
चैबटाखाल। पौड़ी जनपद की चैबटाखाल विधानसभा में मेरू मुल्क सामाजिक संस्था द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर बोली-भाषा के संरक्षण और पहाड़ से हो रहे पलायन पर बुद्विजीवियों द्वारा चिंता जाहिर की गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजकीय डिग्री काॅलेज चैबटाखाल में मेरू मुल्क सामाजिक संस्था द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि भाजपा नेता कविन्द्र ईष्टवाल, बिष्शिठ अतिथि के तौर दिगमोहन सिंह नेगी, के साथ ही कार्यक्रम की अध्यक्षता गढरत्न नरेन्द्र सिंह नेगी ने की। इस मौके पर साहित्यकार गिरीश चन्द सुदंरियाल की दो पुस्तकों का भी विमोचन के साथ ही कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। जिसमें मदनमोहन डुकलान, हरीश कुलाश्री, जगपाल सिंह रावत, डाॅ जीएस नेगी ने श्रोत्राओं को अपने काव्यपाठ से झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए भाजपा नेता कविन्द्र ईष्टवाल ने बोली भाषा के संरक्षण पर जोर दिया। ईष्टवाल ने कहा कि उत्तराखंड में लगभग 4 से 5 करोड़ की आवादी है। बड़ी संख्या में लोग अपनी मातृ भाषा बोलते हैं। बाबजूद इसके हमारी बोली भाषा आठवीं अनुसूची में दर्ज नहीं है। बोली-भाषा को तभी दर्जा मिल सकता है जब हम एकजुट होंगे। इस धरोहर को संजोने के लिए हमारी युवा पीड़ी का हमें मार्गदर्शक की तरह गाइड करना पड़ेगा। सब के आगे आने से बोली-भाषा बचेगी और पलायन भी रूकेगा |