भाजपा नेताओं को पोस्टर और होर्डिंग्स में वाहवाही लूटने की आदत है : सुरेन्द्र कुमार
नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट द्वारा स्मार्ट सिटी पर दिये गये बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने कहा है कि जो लोग स्मार्ट सिटी की घोषणा होने पर देहरादून की जनता के बीच होर्डिंग्स और पोस्टर लगाकर वाहवाही लूट रहे थे, उन्हें देहरादून की जनता को जवाब देना चाहिए कि अब पलटी क्यों मार रहे है। कुमार ने कहा कि स्मार्ट सिटी केन्द्र सरकार का कान्सेप्ट है और देहरादून को उसी क्रम में चुना गया है। केन्द्र में भाजपानीत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के लिए जो गाईडलाइन तय की गई है, उसके बारे में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेताओं को जनता को बताना चाहिए। केवल पोस्टर और होर्डिंग्स में वाहवाही नही लूटनी चाहिए। भाजपा नेता केवल राजनीतिक फायदे के लिए सरकार के निर्णय का विरोध कर रही है, जबकि राज्य सरकार जनसरोकारों के प्रति गंभीर और संवेदनशील है। मुख्यमंत्री ने स्वयं इस बात का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये थे कि स्मार्ट सिटी के लिए जो स्थान चिन्ह्ति किया गया है, वहां काम के मजदूरों का विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री की पहल पर ही ऐसे मजदूरों के लिए नीति का ड्राफ्ट भी बनाया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये है कि स्मार्ट सिटी के लिए देहरादून के अन्य स्थानों की तलाश की जाय। कुमार ने कहा कि लगता है कि भाजपा नेताओं को स्मार्ट सिटी के लिए निर्धारित गाईड लाइन की जानकारी नही है और अगर है तो वो जनता को बताये कि इसके लिए क्या गाईड लाइन तय की गई है। यदि भाजपा नेताओं को गाईडलाइन बताने में कोई समस्या हो, तो मैं उनकी मदद कर देता हूं। कुमार ने स्मार्ट सिटी के लिए निर्धारित गाईड लाइन भी जारी की। कुमार ने कहा कि भाजपा नेता जनता को गुमराह करने की राजनीति कर रहे है और जनसरोकारों से इनको कोई लेना देना नही है। स्मार्ट सिटी जैसे मुद्दे को बेवजह राजनीतिक रूप दिया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष द्वारा लोकायुक्त पर दिये गये बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा है कि लोकायुक्त पर जिस प्रकार से केन्द्र में भाजपानीत सरकार ने चुप्पी साध रखी है, उस पर भी नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेताओं को जवाब देना चाहिए। इस बात का भी जवाब देना चाहिए कि जब केन्द्र में यूपीए की सरकार द्वारा लोकपाल विधेयक लाया गया था, तो सबसे ज्यादा विरोध भाजपा द्वारा ही किया गया था। भाजपा नेताओं को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए, क्या पता केन्द्र में एक अच्छा लोकायुक्त विधेयक बनाया जाय, जिसे हमें उत्तराखण्ड में भी लागू कर सके।