भारतीय हिमालय क्षेत्र से पलायन पर शोध पुस्तक की समीक्षा
देहरादून | ’’भारतीय हिमालय क्षेत्र से पलायन, चुनौतियां एवं समाधान’’ विषय पर विद्वानों एवं शोधकर्ताओं द्वारा लिखे गये विभिन्न लेखों की पुस्तक को सूचना महानिदेशक दीपेन्द्र चैधरी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट एवं मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक दर्शन सिंह रावत को भेंट किया गया। शोध पुस्तक की समीक्षा सूचना महानिदेशक द्वारा की गई है। इस विषय पर दिनांक 19 एवं 20 नवम्बर 2018 का कुमाऊं विश्वविद्याल, एवं हिमालयन एजुकेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसायटी ’’हर्डस’’ के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार भी आयोजित किया गया था, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखण्ड पलायन आयोग के अध्यक्ष डाॅ. एस.एस.नेगी उपस्थित थे। सूचना महानिदेशक द्वारा इस सेमिनार की अध्यक्षता करनी थी, परन्तु छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक के रूप में जाने के कारण उनकी उपस्थिति सम्भव नही हो पायी थी। पुस्तक का सम्पादन राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कुमाऊं विश्वविद्यालय में निदेशक आई.पी.एस.डी.आर. के पद पर कार्यरत प्रो. अतुल जोशी द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि सूचना महानिदेशक दिपेन्द्र चैधरी की प्रेरणा और प्रोत्साहन द्वारा इस शोध पुस्तक का सम्पादन सम्भव हुआ है। इस अवसर पर सूचना महानिदेशक दीपेन्द्र चैधरी ने कहा कि यह शोध पुस्तक हिमालय क्षेत्र प्रमुख रूप से उत्तराखण्ड क्षेत्र में पलायन के कारणों को समझने और उनके निराकरण हेतु मील का पत्थर साबित होगी। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों की मूल समस्या है, सक्षम युवा श्रम शक्ति का अतिशय पलायन। जब तक गांवों को आत्मनिर्भर नहीं बनाया जाएगा, तब तक इस पलायन समस्या से छुटकारा नहीं पाया जा सकता। प्रो. अतुल जोशी की अनुपस्थिति में यह शोध पुस्तक हर्डस के अध्यक्ष एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय में कार्यरत के. के.पाण्डेय द्वारा सूचना महानिदेशक को भेंट की गई। इस अवसर पर नितिन शर्मा एवं रघुवीर बंगारी आदि उपस्थित थे।