मुख्यमंत्री रावत का सभा सचिवो का साथ
प्रदेश सरकार के सभा सचिवों को लेकर सूबे की सियासत खासी गरमा उठी है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रकाश पंत सभा सचिवों को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने पंत पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि प्रकाश पंत का सरकारों का इतिहास देख लेना चाहिए। उनके समय में सभा सचिव संवैधानिक थे और हमारे समय में ये अवैधानिक हो गए। सभा सचिवों की नियुक्ति की सभी जगह व्यवस्था है। दिल्ली में खासी बड़ी संख्या में सभा सचिव हैं।लेकिन जब सीएम से पूछा गया कि दिक्कत सभा सचिवों की नियुक्ति को लेकर नहीं बल्कि उन्हें मंत्री जैसा बना देने को लेकर है तो, इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने विधायकों को मंत्री स्तर का दर्जा दिया है ताकि प्रोटोकाल जैसी कोई दिक्कत न रहे। ये औपचारिक व्यवस्था हैष कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है। जहां तक सभा सचिवों के फाइलों देखने का सवाल है तो ये सिर्फ वे फाइलें हैं रुटीन मैटर से संबंधित है, इन्हें कोई विधायक भी देख सकता है। इसके लिये किसी शपथ की आवश्यकता नहीं है।