यमुनोत्री को बनाया जाए अलग जिला : अब्बल सिंह कुमांई
देहरादून। पृथक जनपद संघर्ष समिति बड़कोट उत्तरकाशी के अध्यक्ष अब्बल सिंह कुमांई ने यमुनोत्री को अलग जिला बनाये जाने की मांग को लेकर 15 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मिले लेकिन इस मामले में वार्ता नकारात्मक रही जिससे आंदोलनात्मक कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सीमांत जनपद उत्तरकाशी का सृजन 24 फरवरी 1960 को हुआ था और पहले रवांइ क्षेत्र का भूभाग टिहरी रियासत का एक हिस्सा था और बाद में यह अलग कर दिया गया। उनका कहना है कि यमुनौत्री को अलग जिला बनाये जाने की मांग को लेकर एक प्रतिनिधि मंडल ने विधायक केदार सिंह रावत के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से भेंट की और उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की घोषणा का स्मरण कराया लेकिन वार्ता में सकारात्मक रूख की जगह मुख्यमंत्री का नकारात्मक रूख रहा है और जिसके कारण क्षेत्रवासियों ने व्यापक स्तर पर आंदोलन चलाये जाने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि 15 अगस्त से पूर्व यमुनौत्री को अलग जिला नहीं बनाया गया तो 15 अगस्त से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल आंरभ कर दी जायेगी। उनका कहना है कि राज्यपाल डा. के के पाल, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निंशक, भुवन चन्द्र खंडूरी, हरीश रावत के साथ ही तीन बार मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मिल चुके है और बार बार यमुनौत्री को अलग जिला बनाये जाने की मांग की गई लेकिन आज तक इस ओर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जो चिंता का विषय है। उनका कहना है कि यमुनौत्री को अलग जिला शीघ्र ही घोषित नहीं किया गया तो अब चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू किया जायेगा और भूख हड़ताल से शुरूआत की जायेगी। उनका कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने शासनकाल में उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था लेकिन तब तक उनकी सरकार चली गई। पत्रकार वार्ता में श्याम डोभाल, संदीप राणा, गोविन्द राम डोभाल, महिपाल सिंह असवाल, विशालमणि रतूडी, जयेन्द्र सिंह रावत, मनमोहन सिंह चैहान, राजाराम जगूडी, विजय सिंह रवांल्टा, किताब सिंह रावत आदि मौजूद थे।