राजनेताओ को कब दिखेगी जनता
देश की बात हो या देश के कुछ राज्यो की , कही न कही राजनेता जनता को दरकिनार कर अपने ऊपर राजनीतिक स्वार्थ को हावी करते आ रहे है | उदाहरण के तौर पर जिस तरह से अरुणांचल में राजनीतिक स्वार्थ वस तख्ता पलट हुआ इसमें भाजपा के साथ साथ कांग्रेस भी उतनी ही जिम्मेदार है | विधायको का बागी होना और बागियों को हाथ थामना यह सभी कहानी जनता को चिड़ाने के लिए काफी है | ऐसे ही वर्तमान समय में उत्तराखण्ड की स्थिति भी यही कहानी बयान कर रही है | यहा पर भी विधायको का बागी होना और बागी विधायको का हाथ थामना जिससे आज की स्थिति राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना कही न कही भाजपा और कांग्रेस दोनों इस खेल में बराबर के हिस्सेदारी रखते है | इस खेल में कांग्रेस का सबसे बड़ी चूक विधायको का बागी होना युक्त स्थिति पैदा करना वही भाजपा का सत्ता की माया के लिए किसी भी हद तक जाना है | खैर मामला अभी कोर्ट में है लेकिन जिस तरह से उत्तराखण्ड की जनता इस समय अपने आप को ठगा महसूस कर रही है इसका जवाब निश्चय ही आने वाले चुनाव में जनता देगी | देश के राजनेता जनता के समस्याओ के निदांत के लिए होते है न की समस्याओ के अम्बार पैदा करने के लिए | जिस दिन देश के विधायक ,सांसद स्वार्थ की राजनीति न कर और पार्टी हाईकमान प्रथा को दरकिनार कर जनता के हित में सोचने लगेगी वह दिन दूर नही जब देश विकसित देश की श्रेणी में जाना जाने लगेगा |
अरुण कुमार यादव – सम्पादक