लगाया पदको का ढेर, पर सम्मान का इंतजार अब भी
देश के कई राज्यो से जहां पर खिलाड़ी सुविधा से वन्चित होने या उस खेल का सन्गठन रूपी मान्यता न मिलने से दूसरे राज्यो की तरफ़ रुख करते है |एक सपना लिए आगे बढ़ते है पर उनके सपनो पर ब्रेक लगाने का काम राज्य की नियमावली पूरी कर देती है |दिल्ली में यदि कोई खिलाड़ी दूसरे राज्य से आया है , और उस राज्य के लिए जितने भी पदक जीते पर सम्मान की बात आने पर खामोशी छा जाती है |इसी कड़ी में अपना प्रदेश छोड़ दिल्ली के लिए दर्जनों पदक जितने वाली उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जन्मी भारतीय महिला बास्केटबाल टीम की पूर्व कप्तान प्रशांति सिंह की हो या बिहार के पटना में जन्मे पैरा एथलीट ऋषिकांत शर्मा की|दोनों दिल्ली के लिए दर्जनों पदक जीते पर जब राज्य के सबसे बडे खेल सम्मान राजीव गांधी पुरस्कार की बात आई तो उन्हें किसी अन्य प्रदेश का होना बता कर वंचित कर दिया गया |सरकार इस पर गंम्भीर अमल करे जिससे देश का नाम रोशन करने वाले खिलाडीयो का आत्मविश्वास बना रहे |