वन विभाग प्रकरण में होगी विजिलेंस जांच
देहरादून | मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज सचिवालय में समाधान पोर्टल तथा जनशिकायतों हेतु निर्धारित 1905 नम्बर पर प्राप्त शिकायतों के निवारण की समीक्षा की | बैठक में शिकायतकर्ता ने बताया कि वन विभाग मंगलौर और रूड़की के कर्मचारियों तथा अधिकारियों की मिलीभगत से मंगलौर से देवबंद रोड के किनारे ग्राम उदलहेडी के सोलर प्लांट तक शाखा तराशने(लाॅपिंग, छटांई) के नाम पर अवैध तरीके से पूर्व स्वीकृत 44 के स्थान पर 106 पेड़ों की कटान और छटांई हुई है। हरिद्वार डी0एफ0ओ0 ने वीडियों कांफ्रेंसिंग में बताया कि उक्त प्रकरण में रेन्ज आॅफिसर, फारेस्टर तथा फारेस्टगार्ड की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके वेतन से 43 हजार 500 रूपये की वसूली का आदेश दिया गया है तथा विभागीय कार्यवाही करते हुए उनका स्थानांतरण भी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सचिव सुराज एवं भ्रष्टाचार उन्मूलन को एफआईआर करवाने और आवश्यकता पडने पर विजिलेंस जांच कराने के निर्देश दिये। देहरादून के कदम सिंह हटवाल ने राजस्व अभिलेखों मे नाम गलत दर्ज होने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिकायतकर्ता को सुना तथा डी.एम. देहरादून को पटवारी की भूमिका की जांच करने के निर्देश दिये। सी.एम. ने कहा कि यदि पटवारी दोषी पाया जाता है तो सख्त कार्यवाही की जाय। मुख्यमंत्री ने अधिकांश शिकायतकर्ताओं से सीधे बात की। जिन शिकायतकर्ताओं से मुख्यमंत्री की बात नही हो पाई उन प्रकरणों में डी.एम. को निर्देश दिये गये कि वे स्वयं बात कर विभागीय कार्यवाही को क्राॅसचेक करें। हरिद्वार से दिनेश कुमार ने अपने गांव के खेल के मैदान में अवैध भवन की शिकायत की थी। डी.एम. ने बताया कि शिकायत का समाधान हो गया है। जब सी.एम. ने शिकायतकर्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि पटवारी ने ठीक से पैमाइश नहीं की है। इसको गंभीरता से लेते हुए सीएम ने डीएम को एसडीएम स्तर से खेल मैदान की पुनः पैमाइश कराने के निर्देश दिये