शहीद प्रदीप सिंह रावत की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
देहरादून/ऋषिकेश। जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में शहीद हुए ऋषिकेश निवासी प्रदीप रावत को मुनिकीरेती पूर्णानंद घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद को उनके चचेरे भाई कुलदीप सिंह रावत ने मुखाग्नि दी। 123 लाइट रेजीमेंट के जवानों ने शहीद को शस्त्र सलामी दी। ब्रिगेडियर बीएम चैधरी, कर्नल राहुल कुमार मिश्रा ने सेना की ओर से पुष्पचक्र अर्पित किया। जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में शहीद हुए जांबाज लांसनायक प्रदीप सिंह रावत की अंतिम यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। पूर्णानन्द घाट पर शहीद प्रदीप रावत का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। मंगलवार को सुबह 9.30 बजे शहीद के निवास से निकली अंतिम यात्रा में भारत माता की जय, प्रदीप तुम अमर रहो के नारे लगते रहे। अंतिम यात्रा पूरे सैन्य सम्मान के साथ गंगानगर से मुनिकीरेती स्थित मशान घाट तक निकाली गयी। यहां पूर्णानंद घाट पर शहीद का अंति संस्कार किया गया। इस दौरान हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल मौजूद रहे। शहर में जगह-जगह शहीद को नमन करने लिए लोगों की भीड़ लगी रही। बता दें कि शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार शाम सैन्य सम्मान के साथ उनके घर लाया गया। तिरंगे में लिपटे शहीद बेटे का पार्थिव शरीर देखते ही मां डुग्गी देवी बिलख पड़ीं और बोलीं मेरा बेटा मरा नहीं अमर हो गया है…। वहीं शहीद की पत्नी नीलम रावत और बहनें अनीता, सुषमा व विनीता फूट-फूटकर रो पड़ीं।