शिक्षा में राष्ट्रीय मूल्यों, संस्कारों का समावेश जरूरीः राज्यपाल
देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार को कान्वेन्ट आॅफ जीसस एण्ड मेरी के द्विशताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने कान्वेन्ट द्वारा संचालित बालिका विद्यालय के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को पुरस्कार भी वितरित किये। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि शिक्षा में राष्ट्रीय मूल्य, संस्कृति और संस्कारों का समावेश जरूर होना चाहिए। स्कूलों में देश का भविष्य गढ़ा जाता है। स्कूलों में कैसा वातावरण है, कैसी शिक्षा मिल रही है, इस पर बहुत कुछ निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों को अपनी पाठ्य सामग्री को भी लगातार अपडेट करते रहने की जरूरत है।
उन्होंने छात्राओं से कहा कि आज का दौर इंटरनेट का है ऐसे में इण्टरनेट पर उपलब्ध जानकारी के भण्डार में से सही, उपयोगी और ज्ञानवर्द्धक जानकारी को पहचानना और उसका उपयोग करना आवश्यक है। बालिका शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक बालिका शिक्षित हो जाय तो पूरा समाज शिक्षित हो जायेगा। राज्यपाल ने छात्राओं से कहा कि सभी को पुस्तकें अवश्य पढ़नी चाहिए। पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती हैं। पुस्तकें चरित्र निर्माण का सबसे अच्छा साधन होती हैं। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को अच्छी पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता भी बहुत जरूरी होती है। हमें अपने और आस-पास के क्षेत्र को साफ रखना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि पहाड़ो की स्वच्छता का भी ध्यान रखना जरूरी है। पालीथीन का उपयोग न करेें। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं विद्यालय की छात्राएं एवं उनके अभिभावक उपस्थित थी।