साहसिक पर्यटन गतिविधियों पर रोक के फैसले का अध्ययन किया जा रहा : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र
देहरादून | मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में साहसिक पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगाये जाने से सम्बन्धित उच्च न्यायालय के फैसले का राज्य सरकार द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में सभी पहलुओं पर विचार करने के पश्चात इस मामले में आगे कदम बढ़ाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहसिक पर्यटन से जुड़े सभी उद्यमियों एवं लोगों के व्यवसायिक एवं आजीविका के हितों को राज्य सरकार द्वारा सभी संभव सुरक्षा प्रदान की जायेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस संबध में सचिव पर्यटन को निर्देश दिये है कि इस प्रकरण में मा.उच्च न्यायालय द्वारा निष्पादित आदेशों के परिपेक्ष्य में सभी आवश्यक कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर आवश्यक कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन हमारी आर्थिकी का मजबूत आधार है। प्रदेश में पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये प्रभावी प्रयास सुनिश्चित किये गये है। उन्होंने कहा कि साहसिक पर्यटन से जुड़े उद्यमियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जायेगा। नियमानुसार इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में उत्तराखण्ड राफ्टिंग क्याकिंग नियमावली बनायी गई है। शीघ्र ही पैराग्लाईडिंग व अन्य साहसिक पर्यटन गतिविधियों से सम्बन्धित नियमावली भी लागू कर दी जायेगी। उन्होंने इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव के साथ ही सचिव पर्यटन को शीघ्र नीति तैयार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि साहसिक पर्यटन व्यवसाय से जुड़े विषयों पर राज्य सरकार सभी कानूनी पहलुओं पर भी विचार कर रही है। तथा शीघ्र ही इससे सम्बन्धित सम्यक नीति तैयार की जायेगी, ताकि आने वाले समय में इस क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिल सके। इससे राज्य की आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म और आयुष सहित कई क्षेत्रों के लिए एक केन्द्र के रूप में उभरा है। यही नहीं, राज्य में प्रसिद्व जिम कार्बेट टाइगर नेशनल पार्क और आसन वेटलैंड कंसर्वेशन रिजर्व, विश्व धरोहर स्थल ’’फूलों की घाटी’’ और नन्दा देवी बायोस्पेयर रिजर्व प्रमुख स्थल मौजूद हैं। आध्यात्म एवं योग की खोज पर यकीन रखने वालों के लिए उत्तराखण्ड एक प्रमुख स्थल है। यहां पर कई ऐसे आध्यात्मिक स्थल हैं जो सिर्फ उत्तराखण्ड में ही सुलभ हैं। प्राकृतिक विहंगम दृश्य, स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त वातावरण उत्तराखण्ड में आने वाले सभी सैलानियों को आकर्षित करते हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्राकृतिक सुंदरता के अलावा, साहसिक पर्यटन के रूप में ट्रेकिंग, स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग, कैम्पिंग, एंगलिंग, पर्वतारोहण और राॅक क्लाइम्बिंग के अनेक अवसर मौजूद हैं। राज्य सरकार का प्रयास इन गतिविधियों की विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की है। प्रदेश में वाटर स्पोर्टस के लिये टिहरी बांध, स्कीइंग, ट्रेकिंग ट्रेल्स और सर्किट के लिये आॅली जैसे क्षेत्र है। राज्य सरकार का प्रयास यहां प्रमुख टूर आॅपरेटरों को भी निवेश के लिये आमंत्रित करने का है।