सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट शिफ्ट को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने बदरीनाथ मंदिर के समीप बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र व राज्य सरकार को 19 जून तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने खंडपीठ को यह भी बताया कि हाई कोर्ट ने गंगा व यमुना को जीवित मानव का दर्जा भी दिया है। उस पर इस तरह का प्लांट लगाना मानव हितों के विपरीत है। याचिकाकर्ता ने वैष्णो व तिरूपति की तरह बदरीनाथ में श्राइन बोर्ड गठित करने की मांग की है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद इस मामले में अगली तिथि 19 जून नियत की है। विधि छात्रा चेतना भार्गव ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार द्वारा नमामी गंगे परियोजना के तहत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट अलकनंदा व ऋषिगंगा के करीब लगा दिया है। ट्रीटमेंट प्लांट का दूषित पानी इन नदियों में बह रहा है। इस पानी का उपयोग भगवान बदरीनाथ की आरती करने में भक्त करते हैं।