स्ट्रिंग आपरेशन : फाॅरेसिंक जांच के बाद शाहिद पर फैसला
मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा बीजापुर अतिथि गृह में प्रेस वार्ता कर स्पष्ट कहा है कि भाजपा नेताओं द्वारा दिये गये बयान तथ्यों से परे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा नेता सीता रमन जी द्वारा दिये गये बयान कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पब्लिक सेक्टर से लेकर निजी हाथों को शराब व्यवसाय का कार्य दिया गया है, वह निराधार है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि मामले की सत्यता साबित होने के बाद ही आरोप लगाये जाने चाहिए। राज्य सरकार द्वारा एफ.एल.-2 नीति में कुछ बदलाव कर निजी हाथों से पब्लिक सेक्टर को दिया है। उन्होंने कहा कि मंडियों के साथ ही गढ़वाल मण्डल विकास निगम और कुमांयू मण्डल विकास निगम को शराब व्यवसाय का काम दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिस सी.डी. प्रकरण की बात की जा रही है, उसमें न तो आवाज साफ है, न समय और स्थान दिखा रहा है और न ही शक्ल साफ दिखायी दे रही है। इसलिए हमने फाॅरेसिंक जांच का निर्णय लिया है, जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि भाजपा नेताओं पर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान में व्यापम जैसे गंभीर घोटालो के आरोप लगे है, इसलिए इस प्रकरण को मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है। भाजपा नेता अपने ऊपर लगे आरोपो से जनता का ध्यान हटाने के लिए ऐसे बयान दे रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता द्वारा जो आरोप लगाये है, उनमें सत्यता नही है। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने कहा है कि उत्तराखण्ड सरकार के जिस आई.ए.एस. अधिकारी की स्टिंग के नाम पर आज जो सी.डी. मीडिया को जारी की गई वह मनगढंत है, तथ्यों से परे है। उन्होंने कहा कि यह घटनाक्रम कुछ लोगो द्वारा सोची समझी रणनीति के तहत किया गया है, ताकि सरकार को बदनाम किया जा सके। सी.डी. में जिस व्यवसायी को शराब का ठेका देने की बात की जा रही है, ऐसे किसी व्यक्ति को कोई ठेका नही दिया गया है न ही ऐसे किसी व्यक्ति से कोई बात हुई है। उन्होंने कहा कि केवल सरकार को बदनाम करने के लिए फर्जी तरीके से सी.डी. तैयार की गई है, जिसमें आवाज किसी की है और शक्ल किसी की।