स्मार्ट सिटी और स्मार्ट राजनीति को छोड़ स्मार्ट सोच तो लाये ज़नाब
चाय बागान पर स्मार्ट सिटी को लेकर जिस तरह से सभी संगठनो का विरोध किया जा रहा है वह कितना जायज़ या कितना जायज़ नही है इसमें बहस उचित नही है | बहस उचित होती है इस प्रोजेक्ट को लेकर भ्रष्टाचार की और बहस उचित है इस स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर पर्यावरण की | यही नही कहि न कहि बहस उचित है राज्य के विकास की | राज्य के विकास को लेकर सरकार के साथ साथ सभी संगठनो को उचित रास्ते निकालने चाहिए किस तरह इस प्रोजेक्ट को भ्रष्टाचार मुक्त किया जाय | स्मार्ट सिटी बनाने में हो रहे पर्यावरण की क्षति को कैसे पूर्ण किया जाए | हो हाय हल्ला से अच्छा एक विकसित उत्तराखण्ड बनाने में उचित और अनुचित फैसलो का ध्यान रख सहयोग करे | राज्य सरकार पलायन का रोना न रो कर पहाड़ो की गांवो में भी एक दो स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट बनाये तब जा कर पलायन की परिभाषा को बदला जा सकता है | स्मार्ट राजनीति को छोड़ स्मार्ट विकास की ओर अग्रसर हो कर स्मार्ट सिटी का उत्तराखण्ड में उदय हो जिससे देश में ही नही पुरे विश्व में राज्य के विकास का डंका बज सके |
अरुण कुमार यादव (सम्पादक)