हरिद्वार में गंगा का जलस्तर उफान पर
हरिद्वार जिले में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 95 से0मी0 नीचे है। उत्तराखण्ड शासन द्वारा लगातार जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। प्रतिघंटा जलस्तर की सूचना जिला आपाताकालीन परिचालन केन्द हरिद्वार तथा राज्य आपदा परिचालन केन्द्र, देहरादून को प्राप्त हो रही है। बाढ़ चैकियां सक्रिय की गयी है। नदी के डाउनस्ट्रीम में नदी किनारे पेट्रोलिंग की जा रही है। किसी भी असामान्य स्थिति के लिए प्रतिवादन हेतु 6 जल पुलिस टीमे, 5 मोटर बोट/राफ्ट सहित उपलब्ध है। पिथौरागढ़ में अतिवृष्टि से सबसे प्रभावित ग्राम बस्तड़ी/राहत केन्द्र सिंगली में एस0डी0एम0 डीडीहाट के नेतृत्व में क्षति का आंकलन एवं राहत सहायता हेतु राहत शिविर में प्रभावितों हेतु व्यवस्थायें सुनिश्चित की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में 02 मेडिकल टीमें प्रभावितों का उपचार कर रही है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में सिंगली में अस्थाई पशु चिकित्सालय खोला गया है, जहाॅ पशुओं का टीका करण एवं चिकित्सा की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन किया जा रहा हैैै। उप सचिव आपदा प्रबंधन संतोष बड़ोनी ने जानकारी दी कि विगत 15 जुलाई तक पी0एम0जी0एस0वाई0 सहित राज्य में कुल 151 मार्ग बाधित थे किन्तु विगत रात्रि को हुयी वर्षा से 143 सड़क और बाधित हुयी इसमें से 57 सड़के यातायात के लिए खोल दी गयी है तथा 237 सड़कों को खोलने का कार्य प्रगति पर है। इनमें से अधिकांश 205 सड़के ग्रामीण क्षेत्र की हैं। राज्य के सभी नेशनल हाई वे तथा चारधाम यात्रा मार्ग यातायात के लिए खुले है। मार्गो की अद्यतन सूचना चूकण्नाण्हवअण्पद पर उपलब्ध है। समस्त जिलाधिकारियों से अतिवृष्टि से हो रही क्षति का आंकलन प्राप्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा आपदा से प्रभावित कुल 1155 सड़कों में से 1004 सड़को में यातायात चालू करा दिया गया है। शेष अधिकतर ग्रामीण सड़कों में कार्य तेजी से गतिमान है। लोनिवि द्वारा आपदा से प्रभावित सड़कों को पूर्व की स्थिति में लाने हेतु वर्तमान में रू.10572 लाख का प्रांक्कलन प्रस्तुत किया गया है। भूस्खलन से प्रदेश में वर्तमान तक कुल 1185 ग्रामों/तोकों में विद्युत आपूर्ति बाधित हुयी थी, इसमें से 1184 ग्रामों तोकों में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गयी है। शेष एक बचे कपकोट ब्लाॅक के लाठी ग्राम में कार्य प्रगति पर है। विद्युत विभाग द्वारा इन प्रभावित गांवों में विद्युत आपूर्ति सुचारू करने में रू. 167.28 लाख रूपये खर्च किए गए है।