हाईकोर्टः गंगा और यमुना संरक्षण को बोर्ड बनाए सरकार
नैनीताल। नैनीताल हाई कोर्ट ने गंगा-यमुना नदी के संरक्षण के लिए प्रबन्धन बोर्ड बनाने के आदेश पारित किए हैं। दोनों बोर्डों का प्रतिनिधित्व उत्तराखण्ड सरकार करेगी। साथ ही निश्चित समयसीमा के भीतर उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश के बीच लंबित परिसंम्पतियो का बंटवारा करने के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने राज्य बनने के 16 साल बाद भी उत्तर प्रदेश के साथ परिसंम्पतियो का बंटवारा नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। साथ ही कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की शिथिलता की वजह से उत्तराखण्ड के निवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा देहरादून की नहरों पर अतिक्रमण को चिन्हित कर हटाने के निर्देश दिए हैं। दून निवासी सलीम ने जनहित याचिका दायर कर श७िनहर, डाकपत्थर, ढकरानी, ढालीपुर एवं कुलहाल क्षेत्र की सिंचाई विभाग की संम्पतियो से अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग की थी। याचिका में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के सुसंगत प्रावधानों के तहत नहरों व अन्य परिसंम्पतियो का बंटवारा तत्काल करने का आग्रह किया गया था।