18 साल पहले तब और अब …
यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में जोसी एपोंटे ने अपना डिप्लोमा हासिल किया तो दर्शकों में तालियां बजाने वालों में एक खास मेहमान मौजूद थे। ये खास मेहमान थे वो पुलिस अफसर जिन्होंने जोसी को मौत के मुंह से सुरक्षित निकाला था। बीते हफ्ते ईस्टर्न कनेक्टिकट स्टेट यूनिवर्सिटी में जोसी ने डिप्लोमा हासिल किया तो पीटर गेट्ज भी पूरे जोश के साथ तालियां बजा रहे थे। जोसी ने कहा, जब मैं 5 साल की थी तो मौत के मुंह में करीब करीब जा चुकी थी। लेकिन ये पीटर और अथॉरिटी के दूसरे अधिकारी ही थे जिनकी वजह से आज मैं जीवित हूं। इस कहानी को समझने के लिए हमें 18 साल पीछे 1998 में जाना होगा। 25 जून 1998 को हार्टफोर्ड, कनेक्टीकट के एक अपार्टमेंट में बुरी तरह आग लगी थी। पुलिस अफसर पीटर गेट्ज मौके पर पहुंचे तो एक फायरफाइटर ने बुरी तरह झुलसी 5 साल की बच्ची जोसी को उनके हवाले किया। जोसी उस वक्त पूरी तरह अचेत थी और उसमें कोई हरकत नहीं हो रही थी। पीटर के पास उस वक्त एम्बुलेंस का इंतज़ार करने का वक्त नहीं था। पीटर ने फौरन जोसी को अपनी पेट्रोल कार की बैक सीट पर लिटाया। जोसी को चेतना में लाने के लिए पीटर लगातार उसे सीपीआर (सांस को कायम रखने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया) देते रहे। पीटर के एक साथी ने कार को तेज़ गति से ड्राइव करते हुए हॉस्पिटल तक पहुंचाया। इमरजेंसी रूम तक पहुंचते जोसी खुद ही सांस लेने लगी थी। जोसी के मुताबिक अगर उस दिन एंबुलेंस के इंतज़ार में कुछ सेंकेड और लग जाते तो उसकी निश्चित तौर पर जान चली जाती। इस हादसे में जोसी के एक अंकल की मौत हो गई। पीटर लगातार उसका हाल जानने के लिए अस्पताल में आते रहे।