जिंदगी और मौत से जूझ रहीं लड़की के लिए ,फरिश्ते बने 4 लड़के
नई दिल्ली | जोगेंद्र सिंह एक एयरलाइंस में जॉब करते हैं। उनकी बेटी गुड़गांव में एक एमएनसी में जॉब करती है। सोनाली ने एमबीए किया है। उन्हें जो पता लगा है कि सोनाली की दोस्त नेहा है। वह भी वहीं देवली गांव में रहती है। नेहा और उसके चचेरे भाई राहुल ने सोनाली से उधार लिया था। जोगेंद्र को यह नहीं पता है कि यह रकम सोनाली ने इन्हें कब दी थी। सोनाली उनसे उधार दिए पैसे मांग रही थी। दोनों पैसे देने में आनाकानी कर रहे थे। शुक्रवार दोपहर बाद राहुल ने सोनाली को फोन करके कहा गया कि आज तुम्हें तुम्हारे पैसे दे ही देता हूं। राहुल ने सोनाली को वसंत कुंज में एक जगह बुलाया। उसने सोनाली को कार में बैठाया। 20 हजार रुपये दिए और इसके बाद दोनों के बीच शायद कुछ कहासुनी हुई। आरोप है कि राहुल ने सोनाली को चलती कार में ही गोली मार दी। वह लहूलुहान हालत में उन्हें जौनपुर-छतरपुर की ओर वाले जंगलों में मरा हुआ समझकर फेंककर भाग गया। कुछ देर बाद वहां से चार लड़के गुजर रहे थे। उन्होंने सोनाली को घायल हालत में देखा। सोनाली के पिता का कहना है कि यह उधार दिए गए पैसों का ही मामला है। जबरदस्ती दोस्ती वाला मामला नहीं। आरोपी राहुल इलाके में पानी के टैंकर आदि की सप्लाई कराता है। उसका टैक्सी का भी कारोबार है। जिंदगी और मौत से जूझ रहीं सोनाली के पिता जोगेंद्र सिंह ने कहा कि ऑपरेशन करके सोनाली की आंख के नीचे लगी गोली निकाल दी गई है। डॉक्टरों ने अगले कुछ घंटे खतरनाक बताए हैं। उनके टल जाने के बाद स्थिति खतरे से बाहर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की जिंदगी बचाने में वह 4 लड़के फरिश्ते बनकर आए। उन्होंने पुलिस को फोन भी किया और उनकी बेटी को फोर्टिस में भर्ती भी कराया। अगर समय पर उनकी सोनाली को अस्पताल ना ले जाया गया होता, तो पता नहीं क्या होता।