रियाज का ढाबे पर बर्तन धोने से चैंपियन तक का सफर , जानिए खबर
नई दिल्ली (पहचान) | जब कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो वह मुमकिन जरूर होता है जिसको सच किया है दिल्ली में ढाबे पर बर्तन धोने का कार्य करने वाले कम उम्र के बच्चे रियाज का जो अब स्टेट लेवल पर चैंपियन खिलाड़ी है | जिस प्रकार किनारे पर बैठकर समुद्र की गहराई का पता नही लगाया जा सकता उसके लिए गहराई में उतरना पड़ता है। उसके हौसले की गहराई का पता नहीं लगता। आइये जानते है चुनौतियों को मात दे रहे चैंपियन रियाज से और सीखते हैं जीतने का हुनर | सोलह साल के रियाज की कहानी रोचक से भरी है। यह हौसला सिखाती है। सीखती है कि सफलता थाली में सजाकर नहीं मिलती। यह लड़ना सीखती है। बताती है कि जीतने के लिए जिद और जुनून जरूरी है।जूझना पड़ता है। दुनिया कदमों से झुक जाती है।जिसमे यह दम-खम नहीं होता,वह महज भीड़ का हिस्सा बना रहता है। रियाज का परिवार दिल्ली के आनंद बिहार के झुग्गी झोपड़ी में रहते है । दिल्ली में गरीबों की ऐसी अनेक बस्तियां हैं।