अकादमिक अखंडता एवं कदाचार पर व्याख्यान का आयोजन, जानिए खबर
देहरादून | हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, विधि विभाग स्वामी रामतीर्थ परिसर ,बादशाहीथौल, टिहरी उत्तराखंड द्वारा ऑनलाइन माध्यम से अकादमिक अखंडता एवं कदाचार विषय पर गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया गया ।इस व्याख्यान की प्रमुख वक्ता केंद्रीय ग्रन्थालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय,वाराणसी की उप पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ स्नेहा त्रिपाठी थीं। उन्होंने अपने व्याख्यान में शैक्षिक बेईमानी एवं अकादमिक कदाचार को विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने यह बताया कि शोधार्थी को गूगल सर्च पर ज्यादा ध्यान न देकर उनको रिसर्च डेटाबेस पर ध्यान देना चाहिए ।तथा रिसर्च में लिटरेचर रिव्यू पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। अपने वक्तव्य में उन्होंने पैराफेजिंग को भी विस्तार से बताया तथा अकादमिक अखंडता के विभिन्न रूपों डाटा फेब्रिकेशन, डाटा फैलशिफिकेशन व साहित्यिक चोरी को भी उदाहरण देकर बताया। उन्होंने यह भी कहा कि शोध ऐसा करें कि वह समाज के लिए उपयोगी हो। व्याख्यान के अंत में प्रतिभागियों में से विधि विभाग के शोधार्थी अनुज कुमार सिंहा व मीनाक्षी द्वारा शोध कार्य से संबंधित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर को भी रिसोर्स पर्सन द्वारा सविस्तार बताया गया।कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक विधि विभाग के डॉ एस.के. चतुर्वेदी एवं धन्यवाद ज्ञापन विधि की शोध छात्रा आराधना चौरसिया द्वारा दिया गया। इस कार्यक्रम में विधि विभाग के शिक्षकगण, शोधार्थी एवं स्नाकोत्तर के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।