सुभाष चंद्र बोस की अस्थिया विसर्जन की मांग, जानिए खबर
देहरादून। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जापान के बौद्ध मंदिर में रखी गई अस्थियों को पूरे सम्मान के साथ भारत लाए जाने और हिंदू रीति के अनुसार इनका विसर्जन करने की मांग भारत सरकार से करते हुए स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारियो तथा संयुक्त नागरिक संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा आईसीएस सुभाष चंद्र बोस के आदर्शों से यदि भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी भी सीख ले लें तो देश की आजादी को नए आयाम खुद मिल जाएंगे और यह वक्त की जरूरत भी है। वक्ताओं ने कहा उत्तराखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार, प्रशासनिक व्यवस्थाओ तथा सार्वजनिक सेवाओं में कमियां, रिश्वतखोरी के मामले, भूस्खलन विस्थापन की बढ़ती घटनाएं जागरूक लोगों के लिए चिंता का विषय है जिन पर सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए, आजाद हिंद फौज के नायक को हम सब की यही वास्तविक श्रद्धांजलि होगी अन्यथा यह परम्परा रस्म अदायगी से अधिक नही होगी। भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में आईसीएस नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्शों का वर्तमान संदर्भ में महत्व विषय पर सिटी बैंक्विट हॉल, देहरादून में आयोजित गोष्ठी में उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए नेता जी को पुष्पांजलि अर्पित की गई। वक्ताओं में सुशील त्यागी संरक्षक स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी कल्याण समीति देहरादून,जगमोहन मेंदीरत्ता, सरदार जीएस जस्सल, संदीप शास्त्री, मुकेश नारायण शर्मा, एम आर सकलानी, कुसुम धस्माना, ब्रिगेडियर केजी बहल, सुशील सैनी, जितेंद्र डडोना, विशंभर नाथ बजाज, हर्ष निधि शर्मा, कल्पना बहुगुणा, शक्ति प्रसाद डिमरी, आशा टम्टा,डॉक्टर बृजेश गर्ग, सत्यपाल सिंह पवार, संजय अमन आदि थे।